फोटो गैलरी

Hindi Newsसूबे के पुलिस अफसरों को इनाम घोषित करने का अधिकार मिले

सूबे के पुलिस अफसरों को इनाम घोषित करने का अधिकार मिले

झारखंड में उग्रवादियों के पर इनाम को लेकर विवाद छिड़ गया है। कई जिलों के एसपी द्वारा अपने स्तर से इनाम दे दिया गया। इसको लेकर विवाद हुआ है। अब पुलिस मुख्यालय ने तैयारी की है कि इनाम घोषित करने की...

सूबे के पुलिस अफसरों को इनाम घोषित करने का अधिकार मिले
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 21 May 2017 01:33 AM
ऐप पर पढ़ें

झारखंड में उग्रवादियों के पर इनाम को लेकर विवाद छिड़ गया है। कई जिलों के एसपी द्वारा अपने स्तर से इनाम दे दिया गया। इसको लेकर विवाद हुआ है। अब पुलिस मुख्यालय ने तैयारी की है कि इनाम घोषित करने की प्रक्रिया को बदलने की अनुशंसा सरकार से की जाएगी। अभी जो नियम हैं, वे थोड़े जटिल हैं। पुलिस मुख्यालय चाहता है कि इनामी नक्सलियों की संख्या 200 से बढ़ाकर 300 की जाए। फरार होने की शर्त बदल दी जाए। साथ ही एसपी को 50 हजार और डीजीपी को दो लाख रुपए इनाम घोषित करने का अधिकार हो।

क्या होगा परिवर्तन

इनाम घोषित करने का नियम एक संकल्प के जरिये गृह विभाग ने 2.9.2016 को जारी किया था। इसमें यह अंकित है कि किसी भी फरार उग्रवादी के विरुद्ध पुरस्कार घोषित करने के पूर्व यह जरूरी है कि वह न्यायालय से फरार घोषित किया गया हो।

क्या है परेशानी

पुलिस मुख्यालय का मानना है कि दूसरे राज्यों के सक्रिय नक्सली झारखंड में किसी घटना में शामिल तो नहीं होते, लेकिन उसमें उनका दिमाग होता है। ऐसे नक्सली पर इनाम घोषित करने के लिए इस शर्त को समाप्त कर दिया जाए। साथ ही यह भी जरूरी नहीं रखा जाए कि उनपर संबंधित विभाग में मामला दर्ज हो। उग्रवादियों के विरुद्ध पुरस्कार राशि की घोषणा की शर्त को भी हटाया जाए।

झारखंड में सक्रिय हैं, पर मामला नहीं

झारखंड में सुधाकर उर्फ सुधाकरण, जया, भवानी, संतोष नक्सली हैं, लेकिन इन पर मामला दर्ज करना आसान नहीं है। ये दूसरे राज्य के हैं। इनका स्थाई पताभी पुलिस के पास नहीं होता है। इस शर्त को भी बदला जाए। झारखंड में पांच नक्सलियों पर एक करोड़ रुपये का इनाम है। इसमें नवीन मांझी, अरविंद कुमार सिंह, प्रशांत घोष, अनल दा और मिसिर बेसरा शामिल है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें