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झारखंड में मुखिया की अनुमति से पंचायतों में बिकेगी शराब

झारखंड के जनजातीय क्षेत्र की पंचायतों में शराब की बिक्री अब मुखिया की अनुमति से होगी। अनुसूचित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को पेसा के तहत उत्पाद कानून की शक्ति दी जाएगी। इसके बाद ग्राम पंचायतों को अपने...

झारखंड में मुखिया की अनुमति से पंचायतों में बिकेगी शराब
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 07 Apr 2017 02:11 AM
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झारखंड के जनजातीय क्षेत्र की पंचायतों में शराब की बिक्री अब मुखिया की अनुमति से होगी। अनुसूचित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को पेसा के तहत उत्पाद कानून की शक्ति दी जाएगी। इसके बाद ग्राम पंचायतों को अपने इलाके में शराब कारखाना और खुदरा शराब दुकान खोलने की अनुमति देने का अधिकार मिल जाएगा। ग्रामसभा के सदस्य शराब की बिक्री पर नियंत्रण और अवैध व्यापार पर अंकुश भी लगा सकेंगे। उत्पाद विभाग ने उत्पाद कानून 2015 की नियमावली में संशोधन कर लिया है। अब इसे स्वीकृति के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा।

पेसा कानून में अनुसूचित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को उत्पाद शक्ति देने की बात कही गई है। इसके लिए झारखंड उत्पाद अधिनियम 2015 में धारा-89 जोड़ा गया है। कानून में संशोधन होने के बाद शराब का कारखाना और दुकान खोलने की इच्छा रखने वाले पहले विभाग में आवेदन करेंगे। इसके बाद विभाग संबंधित ग्राम पंचायत को प्रस्ताव भेजेगा। ग्रामसभा से 30 दिनों के भीतर प्रस्ताव पारित नहीं होने पर विभाग द्वारा स्मार पत्र भेजेगा जाएगा। स्मार पत्र का 15 दिनों के अंदर जवाब नहीं देने पर यह माना जाएगा कि ग्राम पंचायत ने स्वीकृति दे दी है या कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद विभाग लाइसेंस जारी कर देगा। ग्रामसभा विभाग के प्रस्ताव को अस्वीकार भी कर सकता है।

पहले से संचालित शराब कारखाना और दुकानों पर यह नियम लागू नहीं होगी। ग्रामसभा के सदस्यों को अवैध शराब की बिक्री की जांच करने तथा उसके खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा विभाग को भेजने का अधिकार प्राप्त होगा। इसके अलावा महुआ की बिक्री पर भी रोक लगा सकेंगे। नियमावली में संशोधन के बाद अनुसूचित क्षेत्र की पंचायतों में शराब के कारोबार पर ग्रामसभा का पूरा नियंत्रण हो जाएगा।

कितने अनुसूचित क्षेत्र : राज्य में 13 जिले अनुसूचित क्षेत्र के अधीन आते हैं। यहां जनजातीय समुदाय की आबादी पचास फीसदी या उससे ज्यादा है। रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, दुमका, देवघर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ व गढ़वा (कुछ प्रखंड)।

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