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रिम्स की स्थिति देखकर भड़के स्वास्थ्य मंत्री

ट्रॉली पर चादर नहीं है, मरीज के लिए बेडशीट नहीं है, यह कौन देखेगा। मंत्री आकर चादर बिछाएगा। आप लोग क्या करेंगे पता नहीं, भगवान ही मालिक हैं रिम्स का। उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री रामचंद चंद्रवंशी ने...

रिम्स की स्थिति देखकर भड़के स्वास्थ्य मंत्री
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 31 Aug 2016 10:08 PM
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ट्रॉली पर चादर नहीं है, मरीज के लिए बेडशीट नहीं है, यह कौन देखेगा। मंत्री आकर चादर बिछाएगा। आप लोग क्या करेंगे पता नहीं, भगवान ही मालिक हैं रिम्स का। उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री रामचंद चंद्रवंशी ने राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट से कहीं। मंत्री बुधवार को गोला गोलीकांड के घायलों से मिलने रिम्स आए।

घायलों से मुलाकात के बाद उन्होंने जनऔषधि केंद्र का निरीक्षण किया। इसके बाद इमरजेंसी पहुंचे, जहां मंत्री ने एक जर्जर ट्रॉली पर मरीज को देखा, तो भड़क उठे। कहा कि ऐसी ट्रॉली पर तो मरीज को इंफेक्शन हो जाएगा। अंदर भी यही स्थिति थी। बिना चादर बेड पर मरीज का इलाज किया जा रहा था। इसपर मंत्री ने सुपरिटेंडेंट से सीएमओ तक को फटकार लगाई। कहा कि आपलोग नहीं सुधरेंगे। उन्होंने चादर नहीं बिछने का कारण पूछा। इसपर सीएमओ डॉ अमिता सिन्हा ने बताया कि सिक्यूरिटी एजेंसी के हवाले ट्रॉली की जिम्मेदारी है। सुपरवाईजर को पांच चादर दी गई है। वहीं इमरजेंसी की व्यवस्था पर भी मंत्री ने काफी नाराजगी जाहिर की। डायरेक्टर को निर्देश दिया कि सीएमओ समेत जिसकी भी गलती है, उसे शाम तक निलंबित कर उन्हें सूचना दी जाए। अस्पताल में उपलब्ध कराएं सभी जेनेरिक दवामंत्री ने कहा कि रिम्स में अब बाहर से दवा नहीं आएगी। उन्होंने डायरेक्टर को निर्देश दिया कि मरीजों को जेनेरिक दवा उपलब्ध कराने को लेकर सभी एचओडी के साथ बैठक करें। साथ ही सुनिश्चित करें कि मरीजों को कोई दवा बाहर से नहीं खरीदना पड़े। सभी दवा अस्पताल उपलब्ध कराए, जो दवा नहीं हो, उसे रिम्स अपने जेनेरिक मेडिसिन स्टोर (जन औषधिकेंद्र) में उपलब्ध कराएं।मेडाल की धांधली की जांच करेंगे डायरेक्टरमंत्री ने मेडाल में नि:शुल्क जांच के नाम पर हो रही धांधली की जांच रिम्स डायरेक्टर को करने का निर्देश दिया। जब मंत्री को बताया गया कि मेडाल में सामान्य राशन कार्ड को बीपीएल दर्शाकर मरीजों की जांच नि:शुल्क हो रही है। यही नहीं, मरीजों की पर्ची में 100-50 रुपए की एक-दो मामूली जांच लिखी जाती है, तो उसे बढ़ाकर हजारों रुपए पहुंचा दिया जाता है।

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