झारखंड के शहर 2020 तक होंगे रेबीज से मुक्त
झारखंड के शहर 2020 तक रेबीज मुक्त होंगे। नगर विकास विभाग ने इस आशय का संकल्प जारी किया है। इसके तहत आवारा कुत्तों के अब वंश बढ़ाने पर रोक लगेगी। इन कुत्तों की नसबंदी का अभियान चलेगा। इसके लिए पहले...
झारखंड के शहर 2020 तक रेबीज मुक्त होंगे। नगर विकास विभाग ने इस आशय का संकल्प जारी किया है। इसके तहत आवारा कुत्तों के अब वंश बढ़ाने पर रोक लगेगी। इन कुत्तों की नसबंदी का अभियान चलेगा। इसके लिए पहले चरण में रांची, देवघर, धनबाद, चास, आदित्यपुर, हजारीबाग, मानगो, जमशेदपुर, गिरिडीह, रामगढ़, साहेबगंज, मेदिनीनगर और जुगसलाई शामिल हैं।
कुत्तों के काटने की बढ़ती संख्या को देखते हुए इन्हें चुना गया है। चुने गए 13 शहरों में नगर निगम होने पर वहां के महापौर और दूसरे नगर निकाय होने पर वहां के अध्यक्ष आवारा कुत्ता जन्म नियंत्रण समिति की सामान्य सभा के अध्यक्ष होंगे। समिति की कार्यकारिणी का गठन नगर आयुक्त या मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में होगा। राज्य पशु जन्म नियंत्रण निगरानी समिति का गठन नगर विकास सचिव की अध्यक्षता में किया जा चुका है। इसमें स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग और जीव-जंतु कल्याण बोर्डों के भी प्रतिनिधि शामिल हैं।
क्या करेगी समिति
आवारा कुत्तों की गणना करेगी
इनकी नसबंदी के लिए परिसर का निर्माण करेगी
आवारा कुत्तों को पकड़कर कैंप में लाएगी
उनका बंध्याकरण कर देखभाल करेगी
इससे संबंधित आंकड़ों का संग्रह करेगी