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कैंपस सुविधाओं के साथ बेहतर शैक्षणिक माहौल बने

रांची विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में हिस्सा लेनेवाले शिक्षण कॉलेजों की अंतिम सूची जारी होने के बाद कैंपस चुनावी परिचर्चा से गर्म है। मंगलवार को रांची वीमेंस कॉलेज का नजारा कुछ ऐसा ही था। मैदान में...

कैंपस सुविधाओं के साथ बेहतर शैक्षणिक माहौल बने
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 29 Nov 2016 09:22 PM
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रांची विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में हिस्सा लेनेवाले शिक्षण कॉलेजों की अंतिम सूची जारी होने के बाद कैंपस चुनावी परिचर्चा से गर्म है। मंगलवार को रांची वीमेंस कॉलेज का नजारा कुछ ऐसा ही था। मैदान में गुनगुनी धूप में छात्राएं पढ़ाई के साथ-साथ चुनावी चर्चा में भी शामिल दिखीं। यहां उनकी एक बड़ी समस्या कॉलेज में कॉमनरूम, कैंटीन और लाइब्रेरी में पर्याप्त किताबें नहीं होने की है। सत्र शुरू होने के चार माह हो गए, पर उनकी मानें तो सब्सिडियरी विषयों की इक्का-दुक्का क्लास ही हुई है। उन्हें उम्मीद है कि छात्रसंघ चुनाव के बाद उनके बीच से जो प्रतिनिधित्व उभरेगा, वह जरूर मुद्दों के लिए आवाज उठाएगा।

क्लासरूम और शौचालय गंदे

गंदे क्लास रूम और शौचालय को लेकर छात्राओं में सबसे ज्यादा कोफ्त है। उनकी मानें तो जब कॉलेज में राज्यपाल, कुलपति या किसी मंत्री को आना होता है, तभी क्लासरूम की सफाई होती है। डेस्क और बेंच भी सही नहीं हैं। शौचालय इतना गंदा कि इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, लेकिन कोई विकल्प भी नहीं है। क्लास में लाइट नहीं है। शिक्षिकाओं की कमी बड़ी समस्या है। नए सत्र की कक्षाएं अगस्त से शुरू हुईं, लेकिन अभी हिन्दी और अंग्रेजी की एक भी कक्षा नहीं हुई, यहां तक कि छात्राओं को इनका सिलेबस भी नहीं पता है। सिर्फ ऑनर्स विषयों की पढ़ाई होती है।

फॉर्म की लंबी लाइनें

कॉलेज में विभिन्न फॉर्म के लिए लगनेवाली लंबी लाइन से छात्राएं त्रस्त हैं। काउंटर कम हैं और उनका सारा दिन आर्ट्स ब्लॉक से साइंस ब्लॉक दौड़ने में ही बीत जाता है। सभी फॉर्म ऑनलाइन उपलब्ध करा दिए जाएं, तो उन्हें इस परेशानी से छुटकार मिल जाएगा। कॉलेज में कैंटीन का कहीं अता-पता नहीं, एक कैंटीननुमा जगह है भी वह सुबह से शाम तक क्लास करनेवाली छात्राओं के लिए पर्याप्त नहीं है। कोई कॉमन रूम नहीं है। छात्राओं की एक शिकायत यह भी है कॉलेज में सांस्कृतिक गतिविधियां नहीं होतीं।

कैंपस के बाहर असुरक्षा

जहां तक सुरक्षा की बात है तो कैंपस के भीतर किसी तरह की दिक्कत नहीं होती। लेकिन कैंपस से निकलते ही सड़क पर उन्हें छेड़छाड़ या फब्तियों को सामना करना पड़ता है। वे चाहती हैं कि कॉलेज की अपनी बस सेवा हो। इससे ऑटो में आने-जाने की परेशानी से वे बच जाएंगी।

उम्मीदें

छात्र प्रतिनिधि कैंपस की आवाज बने

कॉलेज में बस सेवा की शुरुआत हो

सांस्कृतिक गतिविधियां, शैक्षणिक सेमिनार हों

सभी फॉर्म ऑनलाइन उपलब्ध हों

बेहतर प्लेसमेंट, करियर काउंसिलिंग

शैक्षणिक भ्रमण आयोजित हों

कॉलेज में 7775 वोटर

रांची विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में वीमेंस कॉलेज से 7775 वोटर अपने प्रतिनिधि के लिए वोट करेंगी। सभी छात्र संगठनों की नजर इन पर है। छात्राओं का कहना है, जिसमें लीडरशिप क्वालिटी होगी और उनके मुद्दों को उठाने का साहस होगा, वोट उसी को करेंगी। उन्हें पार्टियों से मतलब नहीं। उनका फोकस अपने बीच से उभरे मुखर प्रतिनिधि पर है।

छात्राओं ने कहा

सोनी कुमारी- कॉलेज का वॉशरूम बहुत गंदा है। खाने के लिए हम बाहर के ठेलेवालों पर निर्भर हैं। कैंटीन के नाम पर छोटी-सी जगह है।

प्रियंका- शिक्षिकाओं की कमी है, बैठने की जगह नहीं और लाइब्रेरी में किताबें भी नहीं हैं। फॉर्म की लाइन में दिन बीत जाता है।

प्रशंसा- लाइब्रेरी में किताबें बहुत कम हैं। कक्षाएं नियमित नहीं होती हैं। क्लास रूम की सफाई नहीं होती, न ही लाइट है।

शुचिता- साइंस ऑनर्स वालों की तो सब्सिडियरी की क्लास ही नहीं होती। डेस्क-बेंच की हालत खराब है। ऑनर्स को छोड़ बाकी विषयों की कक्षाएं नियमित नहीं होती हैं।

महिमा- वोट उसी को देंगे जिसमें नेतृत्वक्षमता होगी और हमारी समस्याओं को दृढ़ता के साथ उठा सके। अपनी किसी सहपाठी को लीडर के रूप में देखना अच्छा लगेगा।

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