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रजरप्पा क्षेत्र की खदानों का अब ड्रोन से होगा सर्वेक्षण

पायलट प्रोजेक्ट के तहत सीसीएल रजरप्पा क्षेत्र की खदानों का सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में ड्रोन कैमरा की मदद ली जा रही है। कार्य के प्रथम चरण में रजरप्पा व तोपा है, उसके बाद सीसीएल...

रजरप्पा क्षेत्र की खदानों का अब ड्रोन से होगा सर्वेक्षण
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 19 May 2017 01:11 AM
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पायलट प्रोजेक्ट के तहत सीसीएल रजरप्पा क्षेत्र की खदानों का सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में ड्रोन कैमरा की मदद ली जा रही है। कार्य के प्रथम चरण में रजरप्पा व तोपा है, उसके बाद सीसीएल के अन्य एरिया में इस कार्य को किया जाएगा। गुरुवार को रजरप्पा खदान के आसपास के क्षेत्रों में छह बार ड्रोन कैमरा को 160 फीट ऊपर तक उड़ाया गया और वन क्षेत्र के घनत्व की जानकारी ली गई। सर्वेक्षण का कार्य केंद्र सरकार के नागर विमानन महानिदेशालय और गृह तथा रक्षा मंत्रालय की अनुमति के बाद शुरू किया गया।

कोल इंडिया के एडवाइजर ने जायजा लिया

ड्रोन से सर्वेक्षण कार्य का जायजा लेने के लिए कोल इंडिया के चेयरमैन सुतीर्थ भट्टाचार्य के एडवाइजर धर्मा सिंह रजरप्पा पहुंचे। यहां उन्होंने चिलमटुंगरी मैदान में बनाए गए कंट्रोल बेस का जायजा लिया। इसके अलावे आरव मैनेजमेंट सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों से बातचीत की। इससे पूर्व बुधवार को सीएमपीडीआई के जेनरल मैनेजर एमपी सिंह तथा मैनेजर रजनीश कुमार और मोहित रस्तोगी भी यहां पहुंचकर सर्वेक्षण का जायजा लिया।

काम पूरा होने के बाद देंगे जानकारी

जीएम केएल कुंडू ने कहा कि ड्रोन से सर्वेक्षण का काम और दो दिनों तक चलेगा। यह कार्य कोल इंडिया के निर्देश पर किया जा रहा है। सर्वेक्षण का कार्य पूरा होने के बाद ही पूरी जानकारी देंगे।

..क्यों ली जा रही ड्रोन की मदद

खदानों की भूमि के पुनरूद्धार की स्थिति का मानचित्र तैयार करने सहित वनों के घनत्व की जानकारी लेना है। इससे मिली रिपोर्ट के आधार पर खदान क्षेत्र के प्रदूषण जैसी जानकरी पाई जा सकती है। सर्वेक्षण का कार्य आरव मैनेजमेंट सिस्टम प्रालि, बेंगलुरु को मिला है। कंपनी के बिजनेस मैनेजर अनुराग बरडियार ने बताया, यूएवी आधारित उच्च क्षमता रेजुलेशन तथा मांग आधारित डाटा एक्जीबिशन के कारण एक नए परिदृश्य को खेलेगी।

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