कम आय वालों के लिए आरक्षित होगा आवास
बिहार आवास बोर्ड अथवा निजी डेवलपर्स अगर मकान बनाते हैं तो उन्हें सीमित क्षेत्र में कम आय वाले लोगों के लिए आवास बनाना होगा। इसके लिए किफायती आवास और मलिन बस्ती पुनर्वास एवं पुनर्विकास आवास नीति 2017...
बिहार आवास बोर्ड अथवा निजी डेवलपर्स अगर मकान बनाते हैं तो उन्हें सीमित क्षेत्र में कम आय वाले लोगों के लिए आवास बनाना होगा। इसके लिए किफायती आवास और मलिन बस्ती पुनर्वास एवं पुनर्विकास आवास नीति 2017 की स्वीकृति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में दी गई।
बैठक के बाद कैबिनेट सचिवालय के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा कि आवास बोर्ड 4000 वर्ग मीटर क्षेत्र में आवास का निर्माण करता है तो 50 फीसदी क्षेत्र में कम आय वाले लोगों के लिए आवास बनाना होगा। इसी प्रकार निजी डेवलपर्स को 15 फीसदी क्षेत्र में कम आय वालों के लिए आवास बनाना होगा। इस 15 फीसदी क्षेत्र में बने आवास में से 50 फीसदी उन्हें कम आय वाले लोगों को अनिवार्य रूप से बेचना होगा। 4000 वर्गमीटर से कम क्षेत्र में आवास निर्माण पर कम आय वालों के लिए आरक्षित भूखंड का दायरा अलग होगा। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में भी कार्यरत सिपाही से लेकर पुलिस निरीक्षक तक के कर्मियों को अवकाश के दिनों में भी काम करने के एवज में वर्ष में एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाएगा।
कैबिनेट ने आरा, गया, मुजफ्फरपुर, सहरसा और बिहारशरीफ के मास्टर प्लान क्षेत्र के घोषणा की स्वीकृति दे दी। इस क्षेत्र में दस फीसदी तक ही फेरबदल हो सकती है।
अन्य फैसले :
-सिपाही से संबंधित मामलों में अनुकंपा पर नियुक्ति मामले में जिला स्तर पर अब एसपी और राज्य स्तर पर एडीजी (मुख्यालय) की अध्यक्षता में गठित समिति निर्णय लेगी।
-बिहार संग्राहालय निर्माण में होने वाले खर्च की अनुमानित राशि 498 करोड़ से बढ़ा कर 517.34 करोड़ कर दिया गया है।
-मुंबई में निवेश आयुक्त के कार्यालय की स्थापना के लिए 1.81 करोड़ की स्वीकृति तथा सात कर्मियों की सेवा लिए जाने की स्वीकृति दी गई।
-पालीगंज में उपकारा निर्माण के लिए 10 एकड़ भूमि गृह विभाग को हस्तांतरित होगी।