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रेलवे से मंजूरी के अभाव में लटकती जा रही बिजली परियोजनाएं

रेलवे से मंजूरी के अभाव में बिजली परियोजनाओं के लंबित होने की संख्या बढ़ती जा रही है। पहले की चार परियोजनाओं को अब तक मंजूर नहीं किया गया है। इसी बीच आठ और परियोजनाएं रेलवे की मंजूरी के लिए लंबित हो...

रेलवे से मंजूरी के अभाव में लटकती जा रही बिजली परियोजनाएं
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 26 Dec 2016 06:11 PM
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रेलवे से मंजूरी के अभाव में बिजली परियोजनाओं के लंबित होने की संख्या बढ़ती जा रही है। पहले की चार परियोजनाओं को अब तक मंजूर नहीं किया गया है। इसी बीच आठ और परियोजनाएं रेलवे की मंजूरी के लिए लंबित हो गई हैं।

संचरण-वितरण की परियोजनाओं में तार को रेलवे ट्रैक के ऊपर से ले जाना होता है। ट्रैक के ऊपर से तार ले जाने के लिए स्थानीय मंडल व जोनल कार्यालय से बिजली कंपनी को अनुमति लेनी होती है। संबंधित रेल मंडल के माध्यम से जोनल को इसकी सूचना दी जाती है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के दूसरे चरण में दक्षिण बिहार की चार योजनाओं को मंजूरी के लिए मंडल मुख्यालय भेजा गया है। इनमें नालंदा जिले की दो, भोजपुर व नवादा जिले की एक-एक बिजली परियोजनाएं हैं। इनकी मंजूरी का मामला अभी लंबित है।

इसी बीच उत्तर बिहार में सीवान जिले की आठ परियोजनाओं की मंजूरी की आवश्यकता आन पड़ी है। बिजली कंपनी ने सीवान से संबंधित रेलवे मंडल मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा है। कंपनी अधिकारियों के अनुसार रेलवे से मंजूरी के अभाव में वितरण व संचरण का काम बाधित होता है। कई बार गांवों में तार-पोल पहुंचा दिया जाता है। बिजली के सारे काम पूरे होने के बावजूद रेलवे की अनुमति के बगैर उन गांवों में बिजली नहीं पहुंचाई जाती है। इन 12 परियोजनाओं की मंजूरी के अभाव में 500 से अधिक गांव प्रभावित होंगे। यहां बिजली पहुंचाने के काम में देरी हो सकती है।

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