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नोटबंदी गरीबों के लिए मौत का फरमान: दीपंकर

वेटनरी कॉलेज मैदान में रविवार को आयोजित भाकपा-माले की अधिकार रैली में नेताओं ने  केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोला। गरीबों-दलितों पर अत्याचार, नोटबंदी, बेरोजगारी, भूमि अधिकार तथा किसानों के...

नोटबंदी गरीबों के लिए मौत का फरमान: दीपंकर
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 20 Feb 2017 12:34 PM
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वेटनरी कॉलेज मैदान में रविवार को आयोजित भाकपा-माले की अधिकार रैली में नेताओं ने  केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोला। गरीबों-दलितों पर अत्याचार, नोटबंदी, बेरोजगारी, भूमि अधिकार तथा किसानों के मुद्दे पर तमाम नेता जमकर बरसे। महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने ‘मोदी हटाओ-रोटी बचाओ’ का नारा दिया। कहा, नोटबंदी कर केंद्र सरकार ने गरीबों के लिए मौत का फरमान जारी किया। नोटबंदी के सौ दिन में बेकारी और बेरोजगारी बढ़ी है।

कार्यक्रम में शिरकत करने पूरे बिहार से बड़ी तादाद में कार्यकर्ता और ग्रामीण पहुंचे थे। भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा अच्छे दिन और काला धन वापस लाने के वादे के साथ सत्ता में आई थी। दो साल बाद जनता पूछने लगी तो नोटबंदी कर दी। पांच राज्यों के चुनाव में जनता भाजपा को खदेड़ रही है। यह चुनाव मध्यावधि जनमत संग्रह है। आरएसएस और अमेरिकी साजिश के खिलाफ अधिकार का आंदोलन तेज किया जाएगा। 2017 का यह साल आंदोलनों का साल रहेगा।

बोले दीपंकर
-अधिकार रैली में नारा दिया- मोदी हटाओ, रोटी बचाओ 
-पांच राज्यों के चुनाव में जनता खदेड़ रही है भाजपा को

नीतीश सत्ता के नशे में चूर : दीपंकर

 
भाकपा माले की अधिकार रैली में पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। कहा, बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को भाजपा के खिलाफ जनादेश दिया था, पर वे जनादेश के खिलाफ काम कर रहे हैं। बिना पुनर्वास व वैकल्पिक रोजगार का प्रबंध किए उन्होंने शराबबंदी लागू की। आरोप लगाया कि वह सत्ता के नशे में चूर हैं, इसे छुड़ाना होगा। 

वेटनरी ग्राउंड में आयोजित रैली में भट्टाचार्य ने कहा कि जनता ने नीतीश कुमार को सीएम इसलिए नहीं बनाया था कि शराबबंदी के नाम पर राजू हांसदा और विनोद उरांव की हत्या हो जाए। महिला सशक्तीकरण का दावा करते हैं। उनके शासन में डीका कुमारी की हत्या होती है और वे चुप हैं। दलितों और भूमिहीनों को जमीन देने की जगह भूमाफिया को उनकी जमीनें हड़पने की छूट दी गई है। बीएसएससी घोटाला व्यापम घोटाले से कम नहीं है। इसकी सीबीआई या न्यायिक जांच होनी चाहिए। राजद, जदयू व भाजपा नेताओं ने यह सोच लिया है कि बिहार में वे कुछ भी कर सकते हैं। इन्हें कुर्सी से हटाने को बड़े जनांदोलन की जरूरत है। 

सभा को माले विधायक महबूब आलम, सुदामा प्रसाद, भाकपा राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, माकपा राज्य सचिव अवधेश कुमार, ऐपवा की राष्ट्रीय सचिव कविता कृष्णन, खेत मजदूर सभा के रामेश्वर प्रसाद, धीरेंद्र झा, राजाराम ने भी संबोधित किया। संचालन मीना तिवारी ने किया। रोहित वेमुला और डीका कुमारी की हत्या का मुद्दा सभी ने उठाया। 

न्याय की जंग जरूर कामयाब होगी : जेएनयू से लापता छात्र नजीब की मांग फातिमा नफीस ने कहा कि जेएनयू परिसर से चार माह से उनका बेटा लापता है। मोदी की पुलिस उसे खोजने में नाकाम है। सवाल किया कि क्या हम गरीबों को ख्वाब देखने का हक नहीं है। 

अन्याय के खिलाफ लड़ाई तेज हो: कुसुमी देवी
छात्रा डीका कुमारी की मां कुसुमी देवी ने कहा कि बिहार सरकार अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अन्याय कर रही है। वह मेहनत मजदूरी करके अपनी बेटी को पढ़ा रही थीं, लेकिन हाजीपुर अंबेडकर छात्रावास में उनकी बेटी की हत्या कर दी गई। चार लाख का प्रलोभन दिया गया। कहा मैं चुप नहीं रहूंगी, मुझे न्याय चाहिए।  

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