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बिहार में गरीबी में 44 प्रतिशत तक आई है कमी

बिहार में गरीबों की संख्या में 1973-74 की तुलना में 44 प्रतिशत तक की कमी आई है। 2011 के सर्वे के मुताबिक गरीबी रेखा से नीचे 17.7 प्रतिशत आबादी है, जो 1973-74 में 61.9 प्रतिशत थी। ये बातें जवाहर लाल...

बिहार में गरीबी में 44 प्रतिशत तक आई है कमी
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 23 Nov 2016 10:44 PM
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बिहार में गरीबों की संख्या में 1973-74 की तुलना में 44 प्रतिशत तक की कमी आई है। 2011 के सर्वे के मुताबिक गरीबी रेखा से नीचे 17.7 प्रतिशत आबादी है, जो 1973-74 में 61.9 प्रतिशत थी। ये बातें जवाहर लाल नेहरू विवि में अर्थशास्त्र के शिक्षक प्रो. अमरेश दूबे ने कहीं।

टीपीएस कॉलेज में आयोजित बिहार आर्थिक परिषद के 18वें अधिवेशन के समापन सत्र में डीडी गुरु लेक्चर में उन्होंने बिहार की आर्थिक स्थिति के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें बताईं। उन्होंने कहा कि इस दौरान दूसरे राज्य ने बिहार से बेहतर किया, जिनमें तमिलनाडु, केरल आदि प्रमुख हैं। बिहार का प्रति व्यक्ति आय और वार्षिक उत्पाद भी बढ़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि पांच राज्यों में देश की 80 प्रतिशत आबादी रहती है। इसमें बिहार भी एक है।

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समापन सत्र में नालंदा खुला विवि के प्रतिकुलपति डॉ. आरपी उपाध्याय ने भी अपनी बातें रखीं। समापन सत्र की अध्यक्षता उग्रमोहन झा ने की। समापन सत्र में नूपा के सुधांशु भूषण, डॉ. असीम कुमार कर्मकार आदि ने भी संबोधित किया। अतिथियों का स्वागत प्राचार्य डॉ. तपन कुमार शांडिल्य किया।

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आज की जरूरत क्वालिटी एजुकेशन

समापन सत्र से पहले तकनीकी सत्र में भी अर्थशास्त्रियों ने निर्धारित पांच विषयों पर अपनी राय रखी। डॉ. दया निधि ने कहा कि जननांकीय लाभांश (डेमोग्राफी डेविडेंड) का फायदा उठाना है तो क्वांटिटिव (संख्यात्मक) नहीं, बल्कि क्वालिटी (गुणवत्ता) एजुकेशन देना होगा, वहीं दिल्ली से आए डॉ. दिलीप सिंह ने जल प्रबंधन के उपाय बताए। कहा कि जल प्रबंधन के लिए वर्षा के पानी का संचयन,घरों में वाटर रिजवायर, नदी का पानी नहरों में स्टोर करना होगा। परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष ने शिक्षा की असमानता दूर करनी की बात कही। कार्यक्रम में कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्राचार्य डॉ. बबन सिंह, डॉ. श्यामल किशोर, डॉ. अनिल ठाकुर, डॉ. आरपी शर्मा, डॉ. सत्येंद्र प्रजापति आदि मौजूद थे।

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