पुलिस ने मेरी हत्या की साजिश रची थी : पप्पू यादव
मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि पुलिस-प्रशासन मेरी हत्या करवाना चाहता है। शांतिपूर्वक प्रदर्शन के दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा मेरी हत्या की साजिश रची गई थी। बेनामी संपत्ति और...
मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि पुलिस-प्रशासन मेरी हत्या करवाना चाहता है। शांतिपूर्वक प्रदर्शन के दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा मेरी हत्या की साजिश रची गई थी। बेनामी संपत्ति और बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने के लिए जिला प्रशासन की अनुमति ली गयी थी।
लेकिन प्रदर्शन शुरू करने से पहले ही पुलिस वालों ने मुझ पर और कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शन स्थल और मेरे घर पर मुझे प्रताड़ित किया। मुझे भी चोट लगी थी। पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दायर परिवाद मुकदमा की जांच के दौरान सांसद पप्पू यादव ने कोर्ट में यह बयान दिया। सांसद ने गर्दनीबाग में लाठीचार्ज के खिलाफ परिवाद मुकदमा दर्ज कराया है। अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संगीता रानी ने बेउर जेल से पेशी के लिए आए सांसद का बयान दर्ज किया। सांसद की ओर से वकील उमेश कुमार सिंह ने उनका बयान दर्ज करवाया। सांसद की पेशी की सूचना पर उनके पार्टी के सैकड़ों समर्थक कोर्ट परिसर उनसे मिलने पहुंचे थे। पुलिस अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज 27 मार्च 2017 को गर्दनीबाग में प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज एवं ईंट-पत्थर चलाकर शांतिपूर्वक प्रर्दशन कर रहे कार्यकर्ताओं को जख्मी करने को लेकर सांसद पप्पू यादव ने जेल से पुलिस अधिकारियों पर परिवाद मुकदमा दायर किया था। इस मुकदमा में एएसपी राकेश कुमार दुबे, डीएसपी शिब्ली नोमानी, कैलाश प्रसाद गुप्ता, इंस्पेक्टर कैसर आलम समेत अन्य पुलिस पदाधिकारियों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। सांसद पप्पू यादव ने कोर्ट में कहा कि इस घटना में दो सौ कार्यकर्ताओं में से किसी का पैर- हाथ तो किसी सर फटा गया। जिसका इलाज पीएमसीएच समेत अन्य जगहों पर हुआ है। इलाज का पर्ची दायर करुंगा और घटना में जख्मी कार्यकर्ता भी अपनी गवाही देगें। कैदियों को कानूनी सुविधा देने की लगाई गुहारबेउर जेल में टेलीफोन सुविधा और केबल की पूरी सुविधा नहीं मिलने को लेकर सांसद पप्पू यादव ने लिखित शिकायत कोर्ट को दी। इस पर सैकड़ों कैदियों के हस्ताक्षर हैं। बेउर जेल प्रशासन ने बुधवार को एम्बुलेंस से कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने सासंद यादव की न्यायिक हिरासत की अवधि को बढ़ाते हुए जेल भेज दिया।