दुनिया से लड़कर बेटियों को पढ़ा रही मां
वह लाचार मां है। पर अपने बच्चों को तनिक भी दु:ख में नहीं देख सकती। बात बेटियों की इज्जत की हो तो वह शेरनी बनकर दुनिया से लड़ने को तैयार हो जाती है। बच्चों को हर हालत में इंसाफ दिलाकर रहती है। कहती...
वह लाचार मां है। पर अपने बच्चों को तनिक भी दु:ख में नहीं देख सकती। बात बेटियों की इज्जत की हो तो वह शेरनी बनकर दुनिया से लड़ने को तैयार हो जाती है। बच्चों को हर हालत में इंसाफ दिलाकर रहती है। कहती भी हैं कि जब तक सांसों में सांस है...बेटियों की आंखों में आंसू नहीं आने देगी।
बात दनियावां की एक बीमार व विधवा महिला की हो रही है। वह गर्भाशय की बीमारी से पीड़ित है। उसकी बेटियां आठ मई की शाम शौच के लिए बाहर निकली थीं। दोनों के साथ पहले छेड़खानी और फिर रेप की कोशिश हुई। पर दोनों को ग्रामीणों के सहयोग से बचाया जा सका। वह दर्द से कराह रही थी। इसके बाद भी उसने दनियावां थाने को मामले की सूचना दी। मामले की गंभीरता देखते हुए दनियावां थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपितों को पकड़ लिया।
वहां से मामले को महिला थाने में ट्रांसफर कर दिया।
आज सभी गुनाहगार जेल के अंदर हैं। नौ साल पहले हुई थी पति की हत्याइस मां के पति ओम प्रकाश पासवान की हत्या नौ साल पहले हो गई। पहले वह शिक्षिका थी। पति की मौत के बाद पिता के सहयोग से बेटियों को पालने लगी। पर उसके सामने मुसीबतों का पहाड़ था। जीना उस समय मुश्किल हो गया जब जायदाद के लिए अपने ही जान के दुश्मन बन गये। उसकी बेटियों को परेशान करने लगे। बाहर निकलने पर छेड़खानी की जाने लगी। इस डर से बेटियों की पढ़ाई पिछले दो साल बंद है। वह अब खुद घर में बेटियों को पढ़ाती हैं।