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सिर्फ कहने से नहीं, माहौल बनाने से होता है विकास : नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सिर्फ कहने से विकास नहीं होता है। बल्कि इसके लिए माहौल बनाना होता है। शांति, भाईचारा, सदभाव और सहिष्णुता का माहौल ही देश को तरक्की की ओर ले जा सकता है। मुख्यमंत्री...

सिर्फ कहने से नहीं, माहौल बनाने से होता है विकास : नीतीश
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 17 Apr 2017 10:32 PM
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सिर्फ कहने से विकास नहीं होता है। बल्कि इसके लिए माहौल बनाना होता है। शांति, भाईचारा, सदभाव और सहिष्णुता का माहौल ही देश को तरक्की की ओर ले जा सकता है। मुख्यमंत्री सोमवार को अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज समाज में टकराव और असहिष्णुता का माहौल है। इससे छुटकारा पाने के लिए आवश्यक है कि हम गांधी के विचारों को अपनाएं। गांधी कहते थे कि उनका जीवन ही उनका संदेश है। उनके विचारों को अपनाने वाले आज बहुत कम हैं।

उन्होंने कहा कि चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह का आयोजन सिर्फ सांकेतिक रूप में नहीं है। गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कई कार्यक्रम चल रहे हैं। 12 अप्रैल को गांधी रथ रवाना किया गया, जो फिल्मों और वृत्त चित्रों के माध्यम से उनके संदेश को गांव-गांव और शहर-शहर पहुंचाएगा। बापू आपके द्वार कार्यक्रम के तहत हर घर तक दस्तक दी जाएगी।

स्कूलों में प्रार्थना के बाद रोज गांधी कथा का वाचन होगा। 10 फीसदी युवा भी गांधी के संदेशों से आकृष्ट हुए तो 10-15 वर्षों में समाज बदल जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग बिहार की गलत छवि पेश करते हैं। गांधी से जुड़े स्थलों को पुनर्जीवित किया जाएगा मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी से जुड़े स्थलों को पुनर्जीवित किया जाएगा। जहां-जहां भी वे गये, उन जगह को विकसित किया जाएगा।

गांधी ने बुनियादी शिक्षा की नींव बिहार में रखी थी। बुनियदी विद्यालयों की स्थापना भी की थी। जिस शिक्षा प्रणाली की शुरुआत गांधी ने की थी, उसे फिर से स्थापित करने की कोशिश होगी। 27 अप्रैल, 1917 को गांधी जी राजकुमार शुक्ल के घर गये थे। 27 अप्रैल को उनके गांव में भी कार्यक्रम आयोजित होगा। शराबबंदी से सामाजिक परिवर्तन की जो बुनियाद रखी है, उसे और आगे बढ़ाएंगे। सामाजिक कार्यक्रम के तहत दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाएंगे।

गृह मंत्री ने दी थी सहमति

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में होने वाले कार्यक्रम बिहार के सभी राजनैतिक दलों की बैठक कर तय हुए थे। स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान समारोह में हमने सभी राजनीतिक दलों को बुलाया। बिहार में कोई ऐसी पार्टी नहीं है, जिसे हमलोगों ने आमंत्रित नहीं किया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी आमंत्रित किया। उन्होंने आने की सहमति भी दी थी। उनको आमंत्रित करने का उद्देश्य था कि वे भारत सरकार के वरिष्ठ मंत्री हैं। प्रधानमंत्री के बाद गृह मंत्री ही वरिष्ठतम मंत्री माने जाते हैं। दूसरा कारण था कि स्वतंत्रता सेनानियों की सम्मान योजना इंदिरा गांधी के समय शुरू हुई थी, जिसका आयोजन गृह मंत्रालय ने ही किया था। लेकिन जो नहीं आये, उनके लिए कोई शिकायत मेरे मन में नहीं है।

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