एक करोड़ की फिरौती मामले में पिता-पुत्र समेत छह दोषी
एक करोड़ रुपये की फिरौती के लिए बहुचर्चित ठेकेदार अपहरण कांड में पिता-पुत्र समेत छह लोगों को दोषी करार दिया गया है। गुरुवार को छपरा कोर्ट के एडीजे वन अशोक कुमार गुप्ता ने पटना के फुलवारीशरीफ के...
एक करोड़ रुपये की फिरौती के लिए बहुचर्चित ठेकेदार अपहरण कांड में पिता-पुत्र समेत छह लोगों को दोषी करार दिया गया है। गुरुवार को छपरा कोर्ट के एडीजे वन अशोक कुमार गुप्ता ने पटना के फुलवारीशरीफ के ठेकेदार अनवर खां के अपहरण मामले में सीवान के मदारपुर गांव निवासी मोहम्मद शहाबुद्दीन, उसके पुत्र मोहम्मद फुलशरीफ व रिश्तेदार हुगली निवासी मोहम्मद रशिद के अलावे कन्हौली निवासी राजेश यादव, सूर्यपुरा निवासी रुखंदर मांझी व किशनपुरा निवासी महताब आलम को अपहरण में संलिप्त पाया।
सजा की बिंदु पर 25 जनवरी को सुनवाई होगी। अभियोजन पक्ष से एपीपी नीरज कुमार श्रीवास्तव व अधिवक्ता दीपक कुमार व बचाव पक्ष से अधिवक्ता भुनेश्वर शर्मा ने कोर्ट में पक्ष रखा।
ठेकेदारी दिलाने के नाम पर बुलाया था
अपहृत ठेकेदार की पत्नी शबनम खातून ने दिघवारा थाने में दर्ज प्राथमिकी में कहा था कि 17 अपै्रल 2015 को उनके पति के मोबाइल पर कॉल आया कि दिघवारा में ठेकेदारी का काम मिलेगा। इसके बाद उनके पति एक सहयोगी के साथ दिघवारा स्टेशन पर पहुंचे तो बोलेरो सवार अपराधियों ने दोनों का अपहरण कर रेलवे पहिया फैक्ट्री दरियापुर की तरफ लेते गये। बाद में उनके पति के साथ के व्यक्ति को अपहर्ताओं ने छोड़ दिया। पति का अपहरण होने की बात सबसे पहले उनके साथ पटना से गये एक व्यक्ति ने कही। पुरी बाबा के नाम से मोबाइल पर अपहर्ताओं ने उनके पति से बात की थी।
एसपी के आदेश पर एफआईआर
17 अपै्रल के अपहरण के बाद दिघवारा पुलिस ने अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करने से इंकार कर दिया था। उसका कहना था कि यह दिघवारा रेल क्षेत्र का मामला है, जीआरपी ही एफआईआर दर्ज करेगी। परन्तु जीआरपी ने भी एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दी तब अपहृता के पति ने सारण एसपी से गुहार लगायी। तब एसपी ने दिघवारा थानाध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।
खाट में बांध कर रखा गया था ठेकेदार को
अपहृता ठेकेदार की बरामदगी के लिए एसपी के निर्देश पर दिघवारा पुलिस सक्रिय हुई। एक टीम का गठन कर छापेमारी शुरू की गयी तो अपहृत को सीवान के मदारपुर गांव से बरामद किया गया। मोहम्मद शहाबुद्दीन के घर पर खाट से बांध कर ठेकेदार को रखा गया था। पुलिस मोबाइल के लोकेशन के आधार प अपहृत तक पहुंची थी।