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भाजपा 10 साल सत्ता में रही तो उदार मूल्यों के लिए चुनौती

भारत ने चुनावी लोकतंत्र के मामले में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन बतौर उदार लोकतंत्र बहुत कम। भाजपा अगर केंद्र और उत्तर प्रदेश में अगले 10 वर्षों तक शासन में रहती है, तो उदार मूल्यों के लिए चुनौती...

भाजपा 10 साल सत्ता में रही तो उदार मूल्यों के लिए चुनौती
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 26 Mar 2017 09:45 PM
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भारत ने चुनावी लोकतंत्र के मामले में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन बतौर उदार लोकतंत्र बहुत कम। भाजपा अगर केंद्र और उत्तर प्रदेश में अगले 10 वर्षों तक शासन में रहती है, तो उदार मूल्यों के लिए चुनौती बन जाएगी।

यह सुनिश्चित करना न्यायालयों पर निर्भर है कि वर्तमान विचार-प्रक्रिया के तहत संविधान हिंदूमुखी नहीं बन जाए। यह बात प्रोविडेंस स्थित ब्राउन विश्वविद्यालय के प्रो. आशुतोष ने कही।

प्रो. आशुतोष ‘बिहार और झारखंड : साझा इतिहास से साझा दृष्टि तक पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के हिस्से के तौर पर आयोजित 14वें रजत जयंती व्याख्यान में बोल रहे थे। पांच-दिवसीय इस सम्मेलन का आयोजन आद्री, पटना ने किया है। रविवार को इसका तीसरा दिन था। उन्होंने कहा कि चुनाव का वित्तपोषण भारतीय चुनाव प्रक्रिया की सबसे बड़ी कमजोरी है। व्यवसायियों द्वारा अक्सर अवैध रूप में चुनावों का वित्तपोषण किया जाता है। लेकिन वे परिणाम नहीं तय कर पाते हैं।

ऐसा नहीं है कि अभिव्यक्ति, धर्माचरण और संघबद्ध होने की आजादी देश में बिल्कुल नहीं है, लेकिन उनको बहुत सहारा भी नहीं दिया गया है। पहली बार किसी धर्मिक निकाय का प्रधान राज्य का प्रधान बना उन्होंने कहा कि उदार मूल्यों में तथाकथित कटौती, जिसका कारण नरेंद्र मोदी के उदय को बताया जा रहा है, कोई अप्रत्याशित बात नहीं है। अन्य सरकारों द्वारा भी उदार मूल्यों पर रोक लगाई जाती रही है।

इस परिप्रेक्ष्य में उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम बहुत महत्वपूर्ण हैं कि किसी धर्मिक निकाय का प्रधान पहली बार राज्य का प्रधान बना है। यह भी महत्वपूर्ण है कि भाजपा सबसे बड़े अल्पसंख्यक समूह के समर्थन के बिना भी जीत सकती है। उनके व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता येल विश्वविद्यालय, न्यू हैवन के वरिष्ठ शोध अध्येता हैरी ब्लेयर ने की।

बर्कले स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त प्रोफेसर वसुधा डालमिया ने अपनी किताब ‘फिक्शन एट हिस्ट्री : द नोवल एंड द सिटी इन मॉडर्न नॉर्थ इंडिया का संक्षिप्त संस्करण प्रस्तुत किया। भारत की समग्र व्यापक तस्वीर पर रथीन राय का व्याख्यान राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (एनआईपीएफपी, नई दिल्ली) के निदेशक रथीन राय ने ‘भारत की समग्र व्यापक तस्वीर : क्या समावेशी विकास के लिए गुंजाइश है विषय पर अपना व्याख्यान दिया। लॉर्ड मेघनाद देसाई की अध्यक्षता में चले सत्र में उन्होंने समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए राजकोषीय नीति सूत्रबद्ध करने में केंद्र सरकार द्वारा झेली जाने वाली कुछ चुनौतियों को केन्द्र में रखकर अपनी बातें रखी।

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