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LIVE HINDUSTAN सर्वेः ओलंपिक में कम पदकों के गुनहगार हैं 'ये' कारण

ओलंपिक खेलों में भारत का पदक तालिका में नीचे रहना चिंता का कारण है। रियो ओलंपिक में भारत के नाम महज दो पदक ही दर्ज हो सके। शटलर पी.वी. सिंधु ने रजत और पहलवान साक्षी मलिक ने कांस्य पदक अपनी झोली में...

LIVE HINDUSTAN सर्वेः ओलंपिक में कम पदकों के गुनहगार हैं 'ये' कारण
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 25 Aug 2016 11:20 AM
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ओलंपिक खेलों में भारत का पदक तालिका में नीचे रहना चिंता का कारण है। रियो ओलंपिक में भारत के नाम महज दो पदक ही दर्ज हो सके। शटलर पी.वी. सिंधु ने रजत और पहलवान साक्षी मलिक ने कांस्य पदक अपनी झोली में डाला। हमने अपने पाठकों से पूछा था कि इसके लिए वो किसको जिम्मेदार मानते हैं।

हमने सवाल किया था बहामास (आबादीः करीब 4 लाख, पदकः एक स्वर्ण, एक कांस्य), बहरीन (आबादीः करीब 14 लाख, पदकः एक स्वर्ण, एक रजत) और सर्बिया (आबादीः करीब 88 लाख, पदकः दो स्वर्ण, चार रजत और दो कांस्य) जैसे देश पदक तालिका में हमसे काफी ऊपर हैं। कम संसाधन और आबादी वाले देशों का पदक तालिका में हमसे ऊपर होना एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। आपकी नजर में ओलंपिक में हमारे ऐसे प्रदर्शन की वजह क्या है?

इसके लिए हमने जो विकल्प दिए थे वो कुछ इस तरह थे-
1- खेल मंत्रालय की कमान किसी पूर्व खिलाड़ी या खेल विशेषज्ञ के हाथ में ना होकर राजनेता के हाथों में होती है।
2- पदक जीतने के बाद इनामी राशि खिलाड़ियों को न देकर खेल की तैयारियों में लगानी चाहिए।
3- खेल संगठनों में फैले भ्रष्टाचार से भी खेल और खिलाड़ियों का प्रदर्शन प्रभावित हुआ है।
4- देश में क्रिकेट जैसी लोकप्रियता अन्य खेलों को हासिल नहीं, लिहाजा प्रतिभाशाली युवाओं का रुझान अन्य खेलों में कम है।
5- श्रेष्ठ खेल और खिलाड़ी तैयार करने के लिए देश में फंड, बुनियादी ढांचा और कोचिंग जैसी जरूरी सुविधाओं का अभाव है।
6- उपरोक्त सभी विकल्प कहीं ना कहीं जिम्मेदार हैं।

इस पोल में 600 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया और ज्यादातर लोगों का मानना है कि इसके लिए यह सारी ही वजहें कहीं ना कहीं जिम्मेदार हैं। पहले विकल्प के लिए 13.44 फीसदी (84 लोग) वोट आया है, जबकि दूसरे विकल्प पर महज 4.48 फीसदी (28 लोग) वोट आया है। तीसरे और चौथे विकल्प पर क्रम से 8.64 (54 लोग) और 6.56 फीसदी (41) वोट आए हैं। 19.25 फीसदी (296 लोग) लोगों का मानना है कि श्रेष्ठ खेल और खिलाड़ी तैयार करने के लिए देश में फंड, बुनियादी ढांचा और कोचिंग जैसी जरूरी सुविधाओं का अभाव है। वहीं  47.36 फीसदी (296 लोग) लोगों की राय है कि सभी वजहें इसके लिए जिम्मेदार हैं।

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