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36 साल बाद भारतीय हॉकी टीम ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में

रियो डी जेनेरियो। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने गुरुवार को हॉलैंड से हारने के बावजूद रियो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है। भारतीय टीम 36 साल के लंबे अंतराल के बाद अंतिम-8 में पहुंची है। पूल-बी...

36 साल बाद भारतीय हॉकी टीम ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में
एजेंसीFri, 12 Aug 2016 12:54 AM
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रियो डी जेनेरियो। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने गुरुवार को हॉलैंड से हारने के बावजूद रियो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है। भारतीय टीम 36 साल के लंबे अंतराल के बाद अंतिम-8 में पहुंची है। पूल-बी के चौथे मैच में भारत को हॉलैंड के हाथों हालांकि 1-2 से नजदीकी हार का सामना करना पड़ा। भारत अपना आखिरी पूल मैच शुक्रवार को कनाडा के खिलाफ खेलने उतरेगा। भारतीय टीम के चार मैचों में दो जीत और दो हार से छह अंक हैं।

हॉलैंड के खिलाफ भारतीय टीम को मौके गंवाने का खामियाजा भुगतना पड़ा। मैच खत्म होने से कुछ सेकंड पहले तक भारतीय टीम के पास स्कोर बराबर करने का काफी अच्छा मौका था। टीम को पांच पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन भारतीय ड्रैग फ्लिकर एक को भी गोल में तब्दील नहीं कर सके।

रघुनाथ ने गोल दागा : भारत की ओर से एकमात्र गोल 38वें मिनट में पेनल्टी कार्नर के जरिए वीआर रघुनाथ ने किया। हॉलैंड के लिए दोनों गोल पेनल्टी कार्नर पर रोजर होफमैन (32वें मिनट) और मिंक वान डेर वीरडन (54वें मिनट) ने किया। भारत अगर मैच ड्रा करा लेता तो क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की कर लेता। अब उसे अपना अंतिम पूल मैच कनाडा के खिलाफ शुक्रवार को खेलना है। भारतीय टीम छह अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। हॉलैंड 10 अंकों के संग शीर्ष पर और जर्मनी नौ अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है। अर्जेंटीना चार अंक के साथ चौथे स्थान पर है।

पांच पेनल्टी कार्नर मिले : एक गोल से पिछड़ रही भारतीय टीम ने अंतिम लम्हों में हालांकि हॉलैंड को कड़ी टक्कर दी। मुकाबले में जब सिर्फ चार मिनट बचे थे तब टीम ने गोलकीपर पीआर श्रीजेश की जगह एक अतिरिक्त फारवर्ड मैदान पर उतार दिया। भारत को इसका फायदा भी मिला जब उसे वीडियो रेफरल के जरिए मैच खत्म होने से छह सेकंड पहले अपना चौथा पेनल्टी कार्नर मिला। इस पेनल्टी कार्नर के बाद भारत को लगातार चार और पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन चार शॉट लेने वाले वाले रूपिंदर पाल सिंह और रघुनाथ ड्रैग फ्लिक के जरिए गोलकीपर याप स्काटमैन की अगुआई वाले नीदरलैंड के डिफेंस को भेदने में नाकाम रहे।

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