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रूस पर प्रतिबंध बरकरार, रियो से बाहर होने का खतरा

खेलों की सर्वोच्च मध्यस्थता अदालत ने रूस की उसके एथलीटों पर रियो ओलंपिक में भाग लेने से लगे प्रतिबंध के खिलाफ अपील गुरुवार को खारिज कर दी जिससे रूस के पांच अगस्त से शुरू होने वाले रियो ओलंपिक से ही...

रूस पर प्रतिबंध बरकरार, रियो से बाहर होने का खतरा
एजेंसीThu, 21 Jul 2016 06:20 PM
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खेलों की सर्वोच्च मध्यस्थता अदालत ने रूस की उसके एथलीटों पर रियो ओलंपिक में भाग लेने से लगे प्रतिबंध के खिलाफ अपील गुरुवार को खारिज कर दी जिससे रूस के पांच अगस्त से शुरू होने वाले रियो ओलंपिक से ही बाहर होने का खतरा पैदा हो गया है।

अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) ने रूसी एथलीटों को प्रतिबंधित दवाओं के व्यापक इस्तेमाल और सरकार प्रायोजित र्डोंपग की रिपोर्टों के बाद ओलंपिक एथलेटिक्स मुकाबलों में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया था जिसके बाद रूसी ओलंपिक समिति तथा रूसी एथलेटिक्स महासंघ ने इस प्रतिबंध के खिलाफ खेल पंचाट में अपील की थी लेकिन उसकी यह अपील खारिज हो गई।

खेल पंचाट के इस निर्णय के बाद इस बात की संभावना प्रबल हो गई है कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) रूस को न केवल एथलेटिक्स में बल्कि ओलंपिक के अन्य खेलों में भी भाग लेने से प्रतिबंधित कर सकती है। यदि ऐसा होता है तो खेलों की इस महाशक्ति देश के लिए बेहद शर्मनाक बात होगी और ओलंपिक आंदोलन में भी एक गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा।

वर्ष 1980 में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने मास्को ओलंपिक का बहिष्कार किया था जबकि सोवियत संघ ने 1984 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक का बहिष्कार किया था। रूस की मौजूदा स्थिति से ओलंपिक आंदोलन में नया संकट आने की आशंका उत्पन्न हो गई है।

खेल पंचाट ने गुरुवार को अपने फैसले के बाद एक बयान में कहा कि अदालत प्रतिबंध के खिलाफ इस अपील को खारिज करती है। रूस के एक आधिकारिक प्रवक्ता दिमित्रे पेस्कोव ने कहा कि खेल पंचाट का यह निर्णय वाकई निराशाजनक है। यह हमारे लिए पचा पाने वाला निर्णय नहीं है।

रूस की दो बार की स्वर्ण पदक विजेता स्टार पोल वाल्टर महिला एथलीट येलेना इसिन्बायेवा ने खेल पंचाट के इस निर्णय को बेहद निराशाजनक करार देते हुए इसे रूसी एथलीटों की कब्रगाह बताया।

सरकार प्रायोजित डोपिंग के आरोपों के चलते रूसी ट्रैक एंड फील्ड एथलीटों पर गत नवंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया था तथा प्रतिबंधित दवाओं के व्यापक इस्तेमाल की रिपोर्टों के बाद रूस को ओलंपिक से प्रतिबंधित किए जाने की मांग उठ रही थी।

आईएएएफ ने खेल पंचाट के इस निर्णय पर खुशी जताते हुए कहा कि वह इस निर्णय से संतुष्ट है। आईएएएफ के अध्यक्ष सेबेस्टियन को ने कहा कि  हम कैस के बेहद आभारी हैं और इससे डोपिंग रोधी कार्रवाई को और मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि मैं इस खेल में एथलीटों को प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से रोकने के लिए नहीं आया हूं। हमारे संघ का लक्ष्य उनकी इसमें भागेदारी सुनिश्चित करना है न कि उन्हें बाहर करना।

रूस ने कहा कि वह खेलों को स्वच्छ बनाने की दिशा में कार्यरत है लेकिन सभी एथलीटों को खेलों के महाकुंभ में हिस्सा लेने से वंचित किया जाना उचित नहीं है। यह उन एथलीटों के खिलाफ अन्याय होगा जिनका डोपिंग में शामिल होने का कोई पिछला रिकार्ड नहीं है।

आईओसी के कार्यकारी बोर्ड की स्विट्जरलैंड में इस मुद्दे को लेकर आपात बैठक हुई थी। बोर्ड के सदस्य तत्काल प्रतिबंध लगाए जाने के फिलहाल कोई फैसला नहीं ले पाए थे और उन्होंने कैस के फैसले तक अपना निर्णय टाल दिया था।

खेल पंचाट के इस निर्णय के बाद अब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) को इस पर अंतिम फैसला लेना है कि रूस को रियो ओलंपिक में भाग लेने से प्रतिबंधित किया जाना है या नहीं। इस बात की पूरी उम्मीद है कि आईओसी इस पर रविवार तक अंतिम निर्णय ले सकती है।
            
इस बीच रूसी ओलंपिक समिति (आरओसी) के अध्यक्ष लियोनिद त्यागचेव ने खेल मंत्री मुत्को और आरओसी प्रमुख अलेक्सांद्र झुकोव पर रूसी एथलीटों के रियो से बाहर होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुत्को और झुकोव एथलीटों के रियो से बाहर होने के जिम्मेदार हैं। खेल मंत्री को इस बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है। उन्हें समझना होगा कि इस तरह से खेलों में विकास संभव नहीं है।

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