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कोचिंग का काम कोचों पर ही छोड़ देना चाहिए: चार्ल्सवर्थ

दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हॉकी कोचों में शुमार रिक चार्ल्सवर्थ का मानना है कि अगले साल होने वाले रियो ओलंपिक में भारतीय टीम अभी भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है लेकिन प्रशासकों को चाहिये कि बेवजह कोचों को...

कोचिंग का काम कोचों पर ही छोड़ देना चाहिए: चार्ल्सवर्थ
एजेंसीTue, 28 Jul 2015 08:28 PM
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दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हॉकी कोचों में शुमार रिक चार्ल्सवर्थ का मानना है कि अगले साल होने वाले रियो ओलंपिक में भारतीय टीम अभी भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है लेकिन प्रशासकों को चाहिये कि बेवजह कोचों को बर्खास्त नहीं करे।

चार्ल्सवर्थ ने डच कोच पाल वान ऐस को हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के साथ सरेआम बहस के कारण नियुक्ति के पांच महीने के भीतर पदच्युत किये जाने के बाद यह टिप्पणी की है। चार्ल्सवर्थ ने कहा कि आप खुशकिस्मत हैं कि रोलेंट ओल्टमेंस अभी भी वहां है। वह खिलाड़ियों को जानते हैं और काफी समय से वहां हैं लेकिन बार बार कोचों को बदलना टीम के लिए अच्छा नहीं है।

बतौर खिलाड़ी और कोच विश्व कप जीत चुके वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के इस धुरंधर को भारत में कोचिंग का इल्म है चूंकि वह 2008 में राष्ट्रीय टीम के तकनीकी निदेशक के तौर पर 10 महीने यहां रह चुके हैं।
 
उन्होंने कहा कि कोचिंग का काम कोचों पर ही छोड़ देना चाहिए। उन्हें प्रभार देकर अपना काम करने दो। भारतीय हॉकी में अच्छे दिन आए हैं लेकिन इस तरह की खबरें (वान ऐस की बर्खास्तगी) भी सुनने को मिलती रहती हैं।

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