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एम्स हॉस्टल में रैगिंग से बेहद दुखी थी खुश्बू

खुशबू एम्स हॉस्टल में रैगिंग के माहौल से बेहद दुखी थी। रैंगिंग के बारे में उसने 15 दिन पहले बताया था। ये बातें रविवार को मनोज बजाज ने बताईं। मनोज खुशबू को कोचिंग में रसायन विज्ञान पढ़ाते थे। मनोज ने...

एम्स हॉस्टल में रैगिंग से बेहद दुखी थी खुश्बू
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 31 Aug 2015 03:45 PM
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खुशबू एम्स हॉस्टल में रैगिंग के माहौल से बेहद दुखी थी। रैंगिंग के बारे में उसने 15 दिन पहले बताया था। ये बातें रविवार को मनोज बजाज ने बताईं। मनोज खुशबू को कोचिंग में रसायन विज्ञान पढ़ाते थे। मनोज ने बताया कि खुशबू ने एम्स की प्रवेश परीक्षा में 24वां स्थान पाया था। वह कोचिंग के हर बच्चे के लिए मदद करने को तैयार रहती थी। वह दाखिले के महज 6 सप्ताह बाद आत्महत्या नहीं कर सकती थी। एम्स में दाखिला उसके लिए एक सपने की तरह था। ‘हिन्दुस्तान’ से रविवार को हुई बातचीत में बीकानेर स्थित कोचिंग के निदेशक मनोज बजाज ने बताया कि शनिवार रात 11 बजे खुशबू की मां से उनकी बात हुई थी। इस दौरान वह बेहद खुश थी। वहीं, दिन में करीब 3 बजे पिता ओमप्रकाश चौधरी से भी बात हुई थी। इस दौरान उसे कोई तनाव नहीं था। मनोज ने दावा किया कि एम्स में उससे रै¨गग हो रही थी, इस बात के बारे में खुशबू ने बताया था। वह बोले-उससे गाना गाने के लिए कहा जाता था, लड़कों को फोन करने के लिए कहा जाता था। उसने यह भी कहा कि कई नये लोगों से तो और भी खतरनाक तरीके से रैगिंग होती है। मनोज ने कहा, उसने मुझसे बातचीत में यह बताया था कि रैगिंग में कई चीजें ऐसी भी कराई जाती हैं, जो वह बता भी नहीं सकती। एम्स करेगा मामले की जांच: एम्स ने भी खुशबू चौधरी के मामले में आंतरिक समिति से मामले की जांच की बात कही है। एम्स के प्रवक्ता डॉ. अमित गुप्ता ने इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि खुशबू रविवार को अपने दोस्तों के साथ शॉपिंग करने के लिए गई थी, इस दौरान वह बेहद खुश थी। घटना होने के बाद खुशबू को एम्स की इमरजेंसी में ले जाया गया था। डॉ.अमित ने बताया कि घटना होने से पहले वह अपने दोस्तों से बात कर रही थी। हालांकि खुशबू के शिक्षक के दावों के विपरीत एम्स प्रवक्ता ने रैगिंग के दावों को नकार दिया।

11 से 2 बजे के बीच के कॉल डिटेल खंगाल रही है पुलिस

खुशबू के अध्यापक मनोज ने पुलिस और एम्स के दावों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एम्स में पेपर नहीं चल रहे थे, ऐसे में जो छात्र उसके कमरे में मोबाइल चाजिर्ग लगाने के लिए गई थी वह अपने कमरे में मोबाइल चार्ज क्यों नहीं कर रही थी? पुलिस अधिकारी ने भी बताया कि निमिषा नाम की छात्र ने ही सबसे पहले उसे फांसी पर लटका हुआ देखा था। खुशबू के शिक्षक मनोज ने कहा था कि रात 11 बजे उसकी मां से बात हुई थी। इस दौरान वह खुश थी। ऐसे में 11 से 2 बजे के बीच ऐसा क्या हुआ? पुलिस पड़ताल कर रही है। डीसीपी प्रेमनाथ ने भी इस बात की पुष्टि की है कि पुलिस ने खुशबू का मोबाइल जांच के लिए लिया है।

सोशल मीडिया पर भी दिखा गुस्सा

बीकानेर से जब खुशबू एम्स पहुंची तो उसे परिजनों ने एपल का फोन भी दिलाया था। यह फोटो उसने फेसबुक पर 7 अगस्त को अपडेट किया है। इसी दिन फेसबुक की टाइमलाइन पर एम्स का फोटो भी अपलोड किया था। condition of bikaner ।फेसबुक पेज पर #RIP_KHUSHBU_CHOUDHARY हैशटैग से उसके कई दोस्तों ने श्रद्धांजलि दी। इस पेज के एडमिन ने भी मामले में रैंगिंग की बात बताई है।

 

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