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भारतीय सीए अपना मॉडल विकसित करें: जोशी

मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया तो ठीक है लेकिन आज जरूरत है मेड इन इंडिया एंड मेड बाई इंडियंस की। इससे करोड़ों युवाओं को देश के विकास से जोड़ा जा सकेगा। यह बातें पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री...

भारतीय सीए अपना मॉडल विकसित करें: जोशी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 21 Dec 2014 12:23 AM
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मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया तो ठीक है लेकिन आज जरूरत है मेड इन इंडिया एंड मेड बाई इंडियंस की। इससे करोड़ों युवाओं को देश के विकास से जोड़ा जा सकेगा। यह बातें पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री और वर्तमान सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कही। वे ट्रांस हिंडन स्थित एक होटल में दो दिवसीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के राष्ट्रीय सेमिनार के पहले दिन बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।

अपना मॉडल विकसित करें चार्टर्ड अकाउंटेंट
भारत के आर्थिक विकास में चार्टर्ड अकाउंटेंट की भूमिका विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में डॉ. जोशी ने कहा कि सीए पश्चिमी मॉडल का अनुसरण करने की बजाय अपना खुद का मॉडल विकसित करें। डॉ. जोशी ने भारत के विकास में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि नई चुनौतियों को पूरा करने के लिए सीए की सेवाओं में विस्तार व सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कुछ नए क्षेत्रों में सीए की बढ़ती भूमिका को भी लोगों के सामने रखा।

विदेशों में बढ़ रही पेशेवर भारतीय सीए की मांग
इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आफ इंडिया के उपाध्यक्ष सीए मनोज फडनीस डिस ने कहा कि देश के साथ ही पूरी दुनिया में पेशेवर भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की मांग लगातार बढ़ रही है, इसलिए इस क्षेत्र में शिक्षा और आधुनिक तकनीक आधारित ट्रेनिंग की जरूरत है। आंकड़े बताते हैं कि पूरे देश में सीए के 151 और विदेशों में 21 चैप्टर काम कर रहे हैं। कुल 2.40 लाख पेशेवर सीए देश-विदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

800 से ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेंट जुटे
साहिबाबाद में शनिवार से शुरू हुए राष्ट्रीय कांफ्रेंस में देशभर से 800 से ज्यादा पेशेवर चार्टर्ड अकाउंटेंट शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन कमेटी ऑन कैपासिटी बिल्डिंग आफ सीए फम्र्स एंड स्माल एंड मीडियम प्रैक्टिसनर्स और कमेटी आफ मैनेजमेंट अकाउंटिंग ने कराया। इस अवसर पर सीए अनुज गोयल, सीए मनोज फडनीस, सीए मुकेश कुशवाह, सीए ज्ञानचंद्र मिश्र, डॉ. संबित कुमार मिश्र सहित आईसीएआई के कई सदस्य मौजूद रहे।

सीए नेशनल कांफ्रेंस: मुख्य बातें
-वेल्थ टैक्स, कैपिटल गेन पर हुई चर्चा
-अप्रत्यक्ष कर संग्रह के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा
-देशभर में 2 लाख 40 हजार सीए दे रहे हैं सेवाएं
-विदेशों में सीए के 21 चैप्टर कर रहे हैं काम
-चार्टर्ड अकाउंटेंट आफ इंडिया देगा बहुआयामी ट्रेनिंग पर जोर

पर्यावरण अकाउंटिंग है समय की मांग
मुख्य अतिथि डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने पर्यावरण के महत्व को समझाते हुए कहा कि पर्यावरण का लेखाजोखा बेहद महत्वपूर्ण पहलू है, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे प्रयास हो रहे हैं, भारत में भी होना चाहिए। डॉ. जोशी ने बताया कि उद्योग लगाने में इंवायरमेंटल अकाउंटिंग महत्वपूर्ण है। यदि हम कोई उद्योग लगा रहे हैं तो इस बात की भी ऑडिट होनी चाहिए कि किसी उद्योग का पर्यावरण पर क्या असर होगा और पर्यावरण असंतुलित होने से समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

तैयार होगी मानक शब्दावली
वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली आयोग के सदस्या डॉ. केएल वर्मा ने सीए की तकनीकी शब्दावली को भारतीय भाषाओं में पेश करने की जरूरत पर बल दिया। डॉ. वर्मा ने कहा कि हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाएं इतनी सक्षम हैं कि विज्ञान और तकनीकी की भाषा को आत्मसात कर सकें। इसलिए आयोग जल्द की सीए शब्दावली का भारतीय भाषाओं में संस्करण पेश करेगा। इस विषय पर राष्ट्रीय स्तर पर काम शुरू हो चुका है।

राष्ट्रीय कांफ्रेंस में रविवार को
- कंपनीज एक्ट 2013 के विषय पर महत्वपूर्ण चर्चा
- मेक इन इंडिया व अभियान में सीए की भूमिका पर चर्चा

 

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