हरियाणा में ग्रामीण रूटों पर दौड़ेगी व्हाइट लाइन बसें
ग्रामीण रूटों पर दौड़ने वाली बसों का रंग इस बार हरे के बजाय सफेद होगा। सफेद रंग के साथ-साथ बस के ऊपर -नीचे लाल रंग की पट्टी भी होगी। परिवहन विभाग ने नई बस परमिट नीति की सेवा-शर्ते जारी कर दी...
ग्रामीण रूटों पर दौड़ने वाली बसों का रंग इस बार हरे के बजाय सफेद होगा। सफेद रंग के साथ-साथ बस के ऊपर -नीचे लाल रंग की पट्टी भी होगी। परिवहन विभाग ने नई बस परमिट नीति की सेवा-शर्ते जारी कर दी हैं।
यह नई बस परमिट नीति शहर से गांवों की ओर जाने वाले रूटों के लिए है। नई नीति के तहत बसें दौड़ाने का कोई तय समय तो निर्धारित नहीं किया गया है, लेकिन विभाग से परमिट की पेशकश का पत्र जारी होने के 90 दिनों के अंदर बस को रूट पर चलाना अनिवार्य होगा। बस बीएस(भारत स्टेज)चार दर्जे की होगी। परमिट के लिए 1 लाख 25 हजार रुपये की जमानत राशि का भुगतान करना होगा। आवेदन वापस लेने पर इनमें से 25 हजार रुपये की जमानत राशि वापस नहीं होगी। यही नहीं परमिट धारक किराया भी अपनी मर्जी से नहीं बढ़ा सकेंगे। सरकार द्वारा निर्धारित किराया ही परमिट धारक ले पाएगा।
जीपीएस से लैस होंगी बसें: ग्रामीण रूटों पर चलने वाली बसें जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम से लैस होंगी। इन बसों पर हरियाणा रोडवेज से बर्खास्त कंडक्टर और ड्राइवर को नौकरी पर नहीं रखा जाएगा। ड्राइवर-कंडक्टर को वर्दी पहननी होगी। वहीं ड्राइवर-कंडक्टर के लिए न्यूनतम वेतन, साप्ताहिक अवकाश, काम के तय घंटे और भविष्य निधि की व्यवस्था करनी होगी। वहीं ड्राइवर और कंडक्टर पर कोई आपराधिक मुकदमा भी विचाराधीन नहीं होना चाहिए।
शिकायत पुस्तिका रखनी होगी कंडक्टर को: बस कंडक्टर को क्रम संख्या वाली शिकायत पुस्तिका रखना अनिवार्य होगा। यदि बस में सवार किसी यात्री को कोई परेशानी है तो वह कंडक्टर से शिकायत पुस्तिका मांगकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेगा। वहीं रीजनल ट्रांसपोर्ट अथोरिटी के सचिव, अथोरिटी, पुलिस हेल्पलाइन, महिला हेल्पलाइन और बस मालिक का नंबर बस के अंदर और पीछे लिखना होगा। बस के अंदर प्राथमिक चिकित्सा की किट भी रखनी होगी। बस में ऐसे सामान को नहीं ढोया जा सकेगा, जिससे सवारियों की जिंदगी के लिए खतरा उत्पन हो सकता हो। बस के पीछे सड़क सुरक्षा से संबंधित नारे लिखने होंगे। हरियाणा रोडवेज के तय मापदंड के मुताबिक बस में छात्रों और फ्री पास वालों को लाने- ले जाने की व्यवस्था करनी होगी।
इन मार्गों की सूची जारी की
बल्लभगढ़ से मोहना वाया चंदावली, दयालपुर, छांयसा
मोहना से सोलड़ा वाया बागपुर
होडल से सोहना वाया बनचारी, मुंडकटी, इंडरी
होडल से हसनपुर वाया भिड़ूकी
पलवल से सोहना वाया आल्हापुर, दुधौला, कलवाका, हरचंदपुर
पलवल से धारूहेड़ा वाया सोहना, तावड़ू
पलवल से हसनपुर वाया रोनीजा, बड़ौली, बिल्लौचपुर,
पलवल से हसनपुर लिखी मुर्तजाबाद, काशीपुर
तावड़ू से धतीर
तावड़ू से मलाई
पिनगवा से रतीपुर वाया हथीन
गुड़गांव-फरीदाबाद रूट के लिए परमिट नहीं: गुड़गांव-फरीदाबाद, बल्लभगढ़ से मंझावली वाया तिगांव, ओल्ड फरीदाबाद से तिगांव वाया ग्रेटर फरीदाबाद, बल्लभगढ़ से फतेहपुर बिल्लौच, बल्लभगढ़ से पलवल वाया फतेहपुर बिल्लौच, सदरपुर, अटेरना, बल्लभगढ़ से धौज आदि ऐसे कुछ मार्ग हैं, जिनका जिक्र नहीं हैं। जिससे उक्त इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों को नई परमिट नीति का लाभ नहीं मिल सकेगा।
‘एक ही रूट पर कई परमिट जारी हो सकते हैं। परमिट देने में कोई देरी नहीं होगी। लोग आवेदन करेंगे और विभाग तुरंत परमिट जारी कर देगा’
भारत भूषण गोगिया, सचिव, आरटीए