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जमीनों की रजिस्ट्री में अनियमितता उजागर

शुक्रवार को विधायक उमेश अग्रवाल ने गुरुग्राम के तहसील कार्यालय में औचक निरीक्षण कर जमीन की रजिस्ट्रियों में बरती जा रही अनियमितता को उजागर किया। उन्होंने पूरे मामले में उपायुक्त टीएल सत्यप्रकाश को...

जमीनों की रजिस्ट्री में अनियमितता उजागर
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 25 Nov 2016 09:41 PM
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शुक्रवार को विधायक उमेश अग्रवाल ने गुरुग्राम के तहसील कार्यालय में औचक निरीक्षण कर जमीन की रजिस्ट्रियों में बरती जा रही अनियमितता को उजागर किया। उन्होंने पूरे मामले में उपायुक्त टीएल सत्यप्रकाश को निशाने पर लेते हुए कहा कि आरोप लगाया कि ऐसी अनियमिता गुरुग्राम ही नहीं बल्कि मानेसर, सोहना, पटौदी और फर्रुखनगर तहसील में भी की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को ताजा हालात से अवगत कराते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई किए जाने की सिफारिश करेंगे।

विधायक उमेश अग्रवाल शुक्रवार की दोपहर एक बजे तहसील कार्यालय पहुंचे। रोज की नायब तहसीलदार ओम प्रकाश जमीनों की रजिस्ट्री की औपचारिकताएं निभा रहे थे। लोग टोकन लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। विधायक ने नायब तहसीलदार से कुछ रजिस्ट्रियों के दस्तावेज मंगाए और उनकी पड़ताल शुरू कर दी। पड़ताल में अनियमितताओं में कई मामले ऐसे भी मिले जिनमें रजिस्ट्री के मुख्य पृष्ठ पर राजस्व क्षेत्र का दिया गया हवाला रजिस्ट्री के वास्तविक राजस्व क्षेत्र के विपरीत मिला। विधायक ने नायब तहसीदार से पूछा भी लेकिन ओम प्रकाश कोई जवाब देने से बचते रहे। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि बिना एनओसी के अनाधिकृत कालोनियों की रजिस्ट्री न की जाए बावजूद आदेशों का खुला उल्लघंन हो रहा है। उन्होंने तकरीबन 20 रजिस्ट्रियों की फोटो कॉपी कराई और तकरीबन 3 बजे उन्हें साथ ले गए। 

इस तरह की मिली अनियमिताएं
विधायक ने कहा कि 25 के करीब रजिस्ट्रियों मिली जिनमें नियमों को पूरी तरह से अवहेलना की गई। चौमा गांव के राजस्व क्षेत्र की एक रजिस्ट्री के प्रथम पृष्ठ पर गुड़गांव गांव के राजस्व क्षेत्र का हवाला मिला जबकि संबंधित जमीन चौमा गांव के भू-राजस्व क्षेत्र का है। ऐसे मामलों में रजिस्ट्री करने और कराने वालों के साथ संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए। इसी तरह एक रजिस्ट्री में प्रथम पृष्ठ पर पालम विहार कालोनी लिखा गया जबकि रजिस्ट्री में खसरा एवं कीला नंबर सराय गांव का दर्ज है। पालम विहार कालोनाइजर द्वारा विकसित मंजूर सुदा कालोनी है जबकि जिस प्लाट की रजिस्ट्री की गई वह प्लाट इस कालोनी से लगती अवैध कालोनी का है। इस प्लाट की रजिस्ट्री नोएडा से कराई गई जीपीए के आधार पर की गई है। 

उपायुक्त को ठहराया जिम्मेदर
प्रतिदिन होने वाली रजिस्ट्री का पूरा रिकार्ड आन लाइन उपायुक्त और चंडीगढ़ मुख्यालय भेजा जा रहा है। उपायुक्त ने अनियमितताओं पर कोई संज्ञान नहीं लिया। इसलिए उनकी भूमिका भी संदेह के घेरे में है। उनकी जानकारी के मुताबिक अवैध कालोनी में बिना एनओसी प्राप्त किए गुड़गांव तहसील में ही न हो रही बल्कि सोहना, पटोदी, फर्रूखनगर व मानेसर तहसील में भी की जा रही हैं। 

मामले पर लघु सचिवालय गुरुग्राम के नायब तहसीलदार ओम प्रकाश ने कहा, “नियमानुसार रजिस्ट्रियां की जा रही हैं। विधायक आए थे उन्होंने कुछ दस्तावेज मांगे मैने उन्हें दे दिए। अब उन्हें क्या गड़बड़ी मिली मै नहीं जानता। नोटबंदी के बाद रजिस्ट्रियों में काफी कमी आई है। पहले 225 के करीब प्रतिदिन दस्तावेज आते थे लेकिन अब 150-160 दस्तावेज ही आते हैं।”

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