पटाखामुक्त पर्व: याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से बचने के लिए पौत्र द्वारा मास्क पहनने संबंधी मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी का सहारा लेकर एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश की पीठ से कहा कि हम नहीं चाहते कि सारे...
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से बचने के लिए पौत्र द्वारा मास्क पहनने संबंधी मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी का सहारा लेकर एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश की पीठ से कहा कि हम नहीं चाहते कि सारे बच्चे निंजा बन जाएं।
मुख्य न्यायाधीश ने अपने पौत्र की चर्चा करते हुए कहा था कि मास्क लगाकर वह निंजा की तरह लगता है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिबल ने दीवाली और दशहरा पर्व के दौरान धमाके वाले पटाखों के इस्तेमाल के खिलाफ तीन शिशुओं की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
इस मसले पर सिबल और वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल की चिंता से सहमति व्यक्त करते हुए मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया। पीठ ने कहा कि नोटिस जारी करना उचित है। परंतु कोई अंतरिम आदेश देना अभी व्यावहारिक नहीं है। इस मामले में अब अगले शुक्रवार को सुनवाई होगी।
सिबल ने कहा कि कुछ तो हल खोजना होगा। करीब 40 फीसदी बच्चे किसी न किसी तरह की सांस से जुड़ी बीमारी से ग्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले से निपटने के लिए प्राधिकारियों को अल्पकालीन और दीर्घकालीन उपाय पेश करने का निर्देश दिया जाए।