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गर्भपात में लिप्त स्वास्थ्यकर्मी से सख्ती से निपटेगा प्रशासन

गर्भपात कराने वाले व उसका साथ देने वाले व्यक्तिगत संस्था या स्वास्थ्यकर्मी को अब बख्शा नहीं जाएगा। यह बात डीसी अशोक कुमार मीणा ने डॉक्टरों व एएनएम कार्यकर्ताओं से कही। वे बुधवार को पलवल के पंचायत भवन...

गर्भपात में लिप्त स्वास्थ्यकर्मी से सख्ती से निपटेगा प्रशासन
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 17 Jun 2015 08:48 PM
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गर्भपात कराने वाले व उसका साथ देने वाले व्यक्तिगत संस्था या स्वास्थ्यकर्मी को अब बख्शा नहीं जाएगा। यह बात डीसी अशोक कुमार मीणा ने डॉक्टरों व एएनएम कार्यकर्ताओं से कही। वे बुधवार को पलवल के पंचायत भवन में आयोजित बैठक में उन्हें संबोधित कर रहे थे। उनके साथ मुख्यमंत्री के बेटी बचाओ, बेटी बढ़ओ अभियान के प्रतिनिधि डॉ. योगेंद्र मलिक, एडीसी गरिमा मित्तल सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि बिना स्वास्थ्य कर्मी की मिलीभगत के जिले में कहीं भी गर्भपात जैसी घटना नहीं हो सकती। यदि किसी भी क्षेत्र में गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है, तो इसका सीधा मतलब है कि वह काम स्वास्थ्यकर्मियों की जानकारी में हो रहा है। इसलिए या तो स्वास्थ्यकर्मी जाग जाएं वरना उन्हें दूसरे तरीके से सुधारा जाएगा।

डीसी ने कहा कि गभर्वती महिलाओं के प्रति बरती गई लापरवाही की यदि कोई शिकायत मिलती है तो चाहे सीएमओ हो या चपरासी सभी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। इसमें यह बहाना नहीं चलेगा कि एएनएम की लापरवाही से ऐसा हुआ है। एएनएम को लाइन पर लाने का काम सुपरवाइजर का है। इसलिए शिकायत मिलने पर सीधा सुपरवाइजर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर जिले डॉक्टर, एएनएम कार्यकर्ता, महिला एवं बाल विकास अधिकारी सहित अनेक लोग मौजूद थे।

मिशन 1234 के तहत कुपोषित बच्चों को दिया जाएगा आहार :- बैठक के बाद डीसी ने पंचायत भवन में आयोजित पत्रकार वर्ता में कहा कि सर्वे के मुताबिक जिले में 1234 बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। जिन्हें प्रशासन की तरफ से मिशन 1234 के तहत स्वास्थ्य वर्धक आहार दिया जाएगा। यह जिले में प्रशासन की तरफ से पहल होगी। अगले तीन माह में पलवल जिला अन्य जिलों के लिए आदर्श साबित होगा, जिसके लिए आज से ही काम शुरू कर दिया गया है।

कन्या जन्म पर बजेगी थाली :- डीसी ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को सफल बनाने व लिंगानुपात संतुलित करने के लिए गावों में कन्या जन्म पर उत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए प्रशासन की तरफ से उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाएगा। इसके अलावा बेटी जन्म पर महिला की सास के हाथों थाली बजवाई जाएगी, जिससे वह भविष्य में अपनी बहू को ताने न मार सके।

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