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स्मार्ट सिटी और साइबर सिटी के महाजाम पर सरकार मंथन तक सीमित

स्मार्ट सिटी और साइबर सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगता है कि सरकार की कवायद सिर्फ कुछ घंटों के मंथन तक सीमित रह गई है। मंथन के तीन माह बाद भी महाजाम न होने देने के लिए बनने वाली...

स्मार्ट सिटी और साइबर सिटी के महाजाम पर सरकार मंथन तक सीमित
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 05 Dec 2016 10:35 PM
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स्मार्ट सिटी और साइबर सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगता है कि सरकार की कवायद सिर्फ कुछ घंटों के मंथन तक सीमित रह गई है। मंथन के तीन माह बाद भी महाजाम न होने देने के लिए बनने वाली योजना पर एक कदम आगे नहीं बढ़ा गया है। जिससे सरकार की महाजाम से निपटने की योजना के साकार होने पर शंका होने लगी है। जबकि एक महीने के दरमियान पर इस कागजी कार्रवाई शुरू करनी थी। 

गुड़गांव में महाजाम के बाद चार सितंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और सीआईडी प्रमुख अनिल राव सूरजकुंड-दिल्ली सड़क पर कॉलेज ऑफ ट्रैफिक मैनेजमेंट में महाजाम न होने देने के विषय पर आयोजित कार्यशाला में पहुंचे थे। कार्यशाला के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि एक से दो वर्ष के अंदर गुड़गांव और फरीदाबाद की ट्रैफिक के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर कर दिया जाएगा। उन्होंने साइबर सिटी और स्मार्ट सिटी के जाम के खात्मे के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर बनाने के बारे में चर्चा की थी। कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें गुड़गांव और फरीदाबाद के ट्रैफिक की समस्याओं पर आधारित  प्रेजेंटेशन और फिल्म भी दिखाईं गई थी। वहीं ट्रैफिक नियंत्रण के लिए सीसीटीवी कैमरों से लैस कंट्रोल रूम बनाने की वकालत भी की थी। 

उस वक्त सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि स्मार्ट सिटी फरीदाबाद और साइबर सिटी गुड़गांव में ट्रैफिक का काफी दबाव है। जिस कारण यहां जाम है। उन्होंने कॉलेज ऑफ ट्रैफिक मैनेजमेंट के निदेशक डॉक्टर रोहित बलूजा को दोनों शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने का जिम्मा सौंपा था। लेकिन उसके बाद से दोबारा इस विषय में कोई बैठक नहीं हुई है। जिससे इस योजना के लटकने की आशंका बन गई है। 
 
‘ट्रैफिक कॉलेज में बैठक के बाद आगे कुछ नहीं बढ़ा है। उस बैठक के बाद सब ठंडा है। सरकार की ओर से कोई संपर्क नहीं किया गया है। जिससे महाजाम से निपटने के लिए अभी तक कुछ नहीं हो सका है’
डॉक्टर रोहित बलूजा, निदेशक, कॉलेज ऑफ ट्रैफिक मैनेजमेंट 

आईआरटीई के निदेशक डॉक्टर रोहित बलूजा और के मुताबिक, स्मार्ट सिटी और साइबर सिटी में जाम के प्रमुख कारण: 
-गत 10 वर्षों में दोनों शहरों में विकास के साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं बढ़ा
-दोनों शहरों में निजी वाहनों की संख्या बढ़ी 
-दोनों शहरों में ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के लिए जिम्मेदार ट्रैफिक पुलिस, हुडा, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी और नगर निगम मिलकर काम नहीं करते 
-दोनों शहरों में ट्रैफिक इंजीनियरिंग सिस्टम नहीं 
-दोनों शहरों में पानी निकासी के लिए व्यवस्था नहीं 
-साइबर सिटी में बिल्डर को लाइसेंस देते वक्त पानी निकासी की व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया 
-सड़कों और ट्रैफिक के अनुपात में दोनों शहरों में ट्रैफिक पुलिस और संसाधनों का अभाव 

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