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शिप्रा मामला: जांच करने सीकर पहुंची नोएडा पुलिस

शिप्रा के दावों की जांच करने नोएडा पुलिस शनिवार को राजस्थान के जयपुर व सीकर पहुंची। सीकर में श्याम खाटू महाराज के आश्रम में जाकर शिप्रा के बारे में लोगों से पुलिस ने पूछताछ भी की। पुलिस शिप्रा के...

शिप्रा मामला: जांच करने सीकर पहुंची नोएडा पुलिस
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 05 Mar 2016 10:36 PM
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शिप्रा के दावों की जांच करने नोएडा पुलिस शनिवार को राजस्थान के जयपुर व सीकर पहुंची। सीकर में श्याम खाटू महाराज के आश्रम में जाकर शिप्रा के बारे में लोगों से पुलिस ने पूछताछ भी की। पुलिस शिप्रा के दावों को सत्यापित कर रही है। एसएसपी का कहना है कि रविवार शाम तक जांच पूरी कर ली जाएगी।

सेक्टर-37 में रहने वाली फैशन डिजाइनर शिप्रा मलिक 29 फरवरी को सेक्टर-29 से संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गई थी। इनकी कार सेक्टर-29 में खड़ी मिली थी। इसी दिन दोपहर में दिल्ली के लाजपतनगर क्षेत्र से 100 नंबर पर फोन कर शिप्रा ने पुलिस को अपने अपहरण होने की जानकारी दी। इसके बाद उसका मोबाइल फोन भी बंद हो गया था। इस संबंध में पुलिस में अपहरण का मामला दर्ज कराया गया।

नोएडा पुलिस तलाश ही रही थी कि 2 मार्च को शिप्रा ने पति चेतन को फोन कर गुड़गांव के सुल्तानपुर क्षेत्र में खुद होने की जानकारी दी। जहां से उसे नोएडा पुलिस ने बरामद कर लिया। पूछताछ में शिप्रा ने बताया कि वह आर्थिक तंगी व परिवारिक कलह के कारण घर छोड़कर चली गई थी। वह तीन दिन के दौरान राजस्थान के जयपुर व सीकर में रही।

खास बात यह है कि शिप्रा का मोबाइल फोन अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है। इसके अलावा गायब होने से लेकर बरामद तक के दौरान कई सवालों के जवाब भी अभी तक आने बाकी हैं।

बेटा व परिवार के सदस्य खुश
परिवारिक कलह में घर छोड़कर गई शिप्रा के घर पर आने के बाद परिवार के सभी लोग काफी खुश हैं। परिवार के सदस्यों ने बताया कि शिप्रा का बेटा सर्वम मां के साथ ही खेल रहा है। सीकर में रहने के दौरान शिप्रा ने जब टीवी पर मासूम बेटे को टीवी पर देखा तो उसे अपना फैसला बदलना पड़ा । सदस्यों का कहना है कि शिप्रा को मानसिक अवसाद से बाहर लाने की परिवार पूरी कोशिश कर रहा है। बीते हुए दिन में जो भी घटनाक्रम हुआ शिप्रा उसको भुलाने का प्रयास कर रही है।

तालाब के पास गुजारी रात
एक मार्च को शिप्रा जयपुर से राजस्थान के सीकर स्थित श्याम खाटू जी महाराज के आश्रम में पहुंची थी। शिप्रा के पास कोई पहचान-पत्र नहीं था। इस वजह से आश्रम के आसपास कमरा भी नहीं मिला। एसपी सिटी ने बताया कि पहचान-पत्र न होने व पैसों की कमी के कारण एक मार्च की रात आश्रम के पास बने तालाब के पास बैठकर ही गुजार दी। उन्होंने बताया कि तीन मार्च को वह दोपहर को जयपुर से चली। शाम साढ़े पांच बजे गुड़गांव पहुंच गई थी।  

आर्थिक स्थिति खराब होने से विवाद
शिप्रा के पति चेतन मलिक का करीब तीन साल पहले तक सेक्टर-18 में रेस्टोरेंट था। रेस्टोरेंट में अच्छी कमाई होने के बाद चेतन ने रीयल स्टेट क्षेत्र में आगे बढ़ने की सोची। रेस्टोरेंट से हुई आमदनी को उसने नागपुर में प्रोजेक्ट साइट पर लगा दिया। उधर, चेतन से उधार लिए 75 लाख रुपये भी शिप्रा के पिता वापस नहीं कर पा रहे थे। रीयल स्टेट क्षेत्र में पैसों की अधिक जरूरत व ससुर से पैसे वापस नहीं मिलने पर चेतन की आर्थिक स्थिति भी खराब होती चली गई। इसके अलावा शिप्रा ने सेक्टर-29 स्थित ब्रहमपुत्र काॠम्प्लेक्स में शिप्रा क्रिएशंस के नाम से बुटीक खोली थी। दो साल पहले दुकान खाली करने को लेकर उनका दुकान मालिक से विवाद हो गया था। इसके बाद शिप्रा ने घर से ही बुटीक चलाना शुरू कर दिया था। इससे अच्छी आमदनी नहीं हो रही थी। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण भी शिप्रा व चेतन में आए दिन झगड़ा होने लगा था। इसी वजह से शिप्रा ने घर छोड़ने का निर्णय लिया।

लाकर से नहीं निकाली थी ज्वैलरी
29 फरवरी को नोएडा छोड़ने से पहले शिप्रा सेक्टर-18 स्थित आईएनजी वैश्य बैंक भी गई थी, लेकिन यहां से कोई ज्वैलरी नहीं निकाली थी।

अलग-अलग माध्यम से शिप्रा द्वारा बताई गई पूरी कहानी की जांच की जा रही है। टीम कई जगहों पर जाकर जांच कर रही है। रविवार तक जांच पूरी हो जाएगी। जांच करने के लिए शिप्रा को लेकर पुलिस कहीं नहीं गई है।
किरन.एस, एसएसपी, गौतमबुद्धनगर

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