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शारदा अस्पताल के डॉक्टरों का दावा, चिता पर नहीं जिंदा थी रचना

रचना की मौत के मामले में गुरुवार को शारदा अस्पताल प्रबंधन ने पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों के पैनल पर सवाल खड़ा कर दिया है। अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि डाक्टरों ने हड्डी और मांस के कुछ टुकड़ों...

शारदा अस्पताल के डॉक्टरों का दावा, चिता पर नहीं जिंदा थी रचना
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 02 Mar 2017 10:02 PM
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रचना की मौत के मामले में गुरुवार को शारदा अस्पताल प्रबंधन ने पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों के पैनल पर सवाल खड़ा कर दिया है। अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि डाक्टरों ने हड्डी और मांस के कुछ टुकड़ों से रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट गलत है। शारदा अस्पताल के डाक्टरों ने दावा किया कि अस्पताल की डेथ रिपोर्ट पूरी तरह से सही है, लेकिन रचना की श्वांस नली में पाए गए कुछ जले हुए कणों के प्रश्न का जवाब डॉक्टर नहीं दे पाए। कहा कि फांरेसिंक रिपोर्ट से ही सच सामने आएगा।

प्रकरण पर अपना पक्ष रखने के लिए अस्पताल के डॉक्टरों ने प्रेस वार्ता की। आईसीयू प्रभारी डा.राहुल सिंह ने कहा कि रचना 23 फरवरी को अस्पताल में भर्ती हुई थी।  इलाज के दौरान 25 फरवरी को उसकी मौत हो गई। सांस पूरी तरह से थम गई थी। सारी जांच के बाद रचना का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया था। 

डॉक्टरों का कहना है कि अलीगढ़ में डॉक्टरों के पैनल ने लगभग सत्तर फीसदी जल चुकी रचना के शव का पोस्टमार्टम किया था। महज कुछ अवशेषों से की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट गलत है। रिपोर्ट में पाया गया था कि रचना के फेफड़ों और श्वांस नली पर कुछ जले हुए कण मिले थे। जब शारदा अस्पताल के डॉक्टरों ने इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया। 

बुलंदशहर जिले के स्याना की रचना सिसौदिया ने अलीगढ़ के गांव सपेरा भानपुर निवासी देवेश उर्फ देव चौधरी से शादी की थी। विवाह आर्य समाज मंदिर ग्रेटर नोएडा में हुआ था। विवाह के बाद दोनों भट्टा पारसौल गांव में रहने लगे थे। 

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