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गैर शैक्षणिक कार्य पर रोक के लिए अध्यापकों ने किया धरना प्रदर्शन

अलग-अलग मांगों को लेकर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने गुरुवार को सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया। प्राथमिक शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य पर रोक लगाने की मांग को...

गैर शैक्षणिक कार्य पर रोक के लिए अध्यापकों ने किया धरना प्रदर्शन
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 14 Oct 2016 10:05 PM
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अलग-अलग मांगों को लेकर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने गुरुवार को सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया। प्राथमिक शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य पर रोक लगाने की मांग को लेकर अड़े हैं। जबकि अन्य शिक्षकों ने माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान विषय के अध्यापक पदों को कम किए जाने के विरोध में धरना-प्रदर्शन में शामिल होकर विरोध किया।  

शिक्षकों के धरना-प्रदर्शन का खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है। सरकारी स्कूलों में पहले से ही शिक्षकों की भारी कमी है। ऐसे में स्कूल शिक्षक धरना-प्रदर्शन में और छात्र स्कूलों में खेलने में व्यस्त हैं। अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। प्रदर्शनकारी शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि मतदात सूची से लेकर सर्वे तक में उनकी डयूटी लगाई जाती है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है और बच्चों का परीक्षा परिणाम खराब होता है। अध्यापकों ने कहा कि अगर शिक्षा की गुणवत्ता को कायम रखना है तो सभी विषयों के पारंगत शिक्षको की जरूरत है, जिसे हर हाल मे पूरा किया जाना चाहिए। 

हरियाणा शिक्षा विभाग की लचर कार्यप्रणाली प्रदेश भर के शिक्षको मे रोष पैदा कर रही है। कभी तबादला नीति से शिक्षा, शिक्षक और शिक्षार्थी के साथ मजाक किया जा रहा है। जबकि विभागीय कुछ अधिकारी नीति अच्छी होते हुए भी इसे असफल बनाने में जुटे हैं। शिक्षक राजेश भाटी, कर्मवीर आदि ने कहा कि सरकार ने माध्यामिक स्कूलों में विज्ञान विषय के अध्यापकों के पदों को कम कर दिया है। सरकार ने गणित अध्यापक को ही विज्ञान पढ़ाने में लगा दिया है। जिससे प्रदेश भर में विज्ञान अध्यापक निर्धारित किए गए पदो से अधिक हो गए हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष चतर सिंह ने कहा कि जब तक शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से नहीं हटा दिया जाता है। तब तक आंदोलन जारी रहेगा।  उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकार कानून-2009 और कार्यभार के आठ घंटे नियमों के मुताबिक किए जाएं। 

शिक्षकों की मांगों पर एक नजर 
-गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त किया जाए
-माध्यामिक विद्यालयों में विज्ञान शिक्षक पद अनिवार्य किया जाए
-मुख्य शिक्षकों की पदोन्नति की जाए
-वर्ष 2000 नियुक्त किए गए शिक्षकों को अतिरिक्त वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाएगा
-जिले के स्कूलों में खाली पदों को तुरंत भरा जाए
-बच्चों की संख्या के मुताबिक कक्षा कमरे और शिक्षक हों
-सभी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति 1: 30(1 अनुपात 30) के मुताबिक हो
-फरीदाबाद जिले में भूजल खराब है अधिकांश स्कूलों में पेयजल व्यवस्था नहीं है ऐसे में आरओ सिस्टम से स्वच्छ पेयजल व्यवस्था हो
-स्कूलों में गंदगी रहती हैं इसके लिए नियमित रूप से सफाई कर्मचारी हो
-स्कूलों की सुरक्षा-सफाई की ठोस व्यवस्था हो
-तबदाला नीति में खामियों को ठीक किया जाए
-शिक्षकों को लैपटॉप दिए जाएं
-सभी स्कूलों में बिजली व्यवस्था की जाए

खास बातें 
सरकारी स्कूल: करीब 371
प्राथमिक विद्यालय: 240
माध्यमिक विद्यालय 42
उच्च माध्यमिक विद्यालय 38
वरिष्ठ माध्यमिक उच्च विद्यालय:51
वर्ष 2016 में परीक्षा परिणाम पर एक नजर
कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम करीब 55 फीसदी
कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम करीब 34 फीसदी
शिक्षक संघों के मुताबिक जिले में मात्र 40 फीसदी अध्यापक हैं

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