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फेरा उल्लंघन मामले में विजय माल्या के खिलाफ नया गैर जमानती वारंट जारी

उद्योगपति विजय माल्या के खिलाफ फेरा उल्लंघन मामले में अदालत ने नए सिरे से गैर जमानती वारंट जारी किया है। हालांकि अदालत ने इस वारंट की तामील के लिए कोई तारीख तय नहीं की है।  चीफ मेट्रोपोलिटन...

फेरा उल्लंघन मामले में विजय माल्या के खिलाफ नया गैर जमानती वारंट जारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 12 Apr 2017 09:35 PM
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उद्योगपति विजय माल्या के खिलाफ फेरा उल्लंघन मामले में अदालत ने नए सिरे से गैर जमानती वारंट जारी किया है। हालांकि अदालत ने इस वारंट की तामील के लिए कोई तारीख तय नहीं की है। 

चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमित दास की अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा यह जानकारी दिए जाने के बाद कि गत चार नवंबर को माल्या के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट की तामील नहीं हो पाई है एवं इसके लिए अतिरिक्त समय की जरुरत  है, पर दोबारा वारंट जारी किए हैं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख आठ नवम्बर तय की है। वहीं, अदालत ने एजेंसी को दो महीने के भीतर इस संबंध में एक प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। पिछले साल चार नवंबर को माल्या के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करते हुए अदालत ने कहा था कि माल्या का वापस लौटने का कोई इरादा नहीं है और उनकी नजर में देश के कानून का कोई खास सम्मान नहीं है। अदलत ने यह भी कहा था कि शराब कारोबारी माल्या के खिलाफ कड़ी प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए क्योंकि उनपर कई मामले चल रहे हैं और वह उन मामलों में पेश होने से बच रहे हैं। 

अदालत ने कहा था कि माल्या ने भारत लौटने की इच्छा वाली जो याचिका दी थी कि वह भारत लौटना तो चाहते हैं लेकिन भारतीय अधिकारियों द्वारा पासपोर्ट रद्द किए जाने की वजह से मजबूर हैं, वह दुभार्वनापूर्ण और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग था। अदालत ने यह भी कहा था कि चार अक्तूबर को उसने विशेष तौर पर यह कहा था कि माल्या अधिकारियों से संपर्क करके भारत लौटने से जुड़े आपात दस्तावेज हासिल कर सकते हैं लेकिन उन्होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया।

कथित तौर पर लंदन में प्रवास कर रहे माल्या ने अदालत के समक्ष नौ सितंबर को कहा था कि वह भारत लौटना चाहते हैं लेकिन पासपोर्ट निरस्त कर दिए जाने की वजह से नेक इरादा होने के बावजूद लौट पाने में अक्षम हैं। इस पर प्रवर्तन निदेशालय ने चार अक्तूबर को कहा था कि माल्या का इरादा भारत लौटने का नहीं है और उनका पासपोर्ट उनके अपने व्यवहार के कारण रद्द किया गया है। 

निदेशालय के अनुसार, माल्या को दिसंबर 1995 में लंदन की कंपनी बेनेटन फामूर्ला लिमिटेड के साथ हस्ताक्षरित एक अनुबंध के सिलसिले में पूछताछ के लिए चार बार समन किया गया। यह अनुबंध किंगफिशर ब्रांड के विदेशों में प्रचार के लिए किया गया था।

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