फोटो गैलरी

Hindi Newsनजीब के साथ हाथापाई करने वाले छात्रों का बदला जाएगा हॉस्टल

नजीब के साथ हाथापाई करने वाले छात्रों का बदला जाएगा हॉस्टल

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के चीफ प्रॉक्टर ने गुरुवार को माही-मांडवी हॉस्टल में 14 अक्तूबर की रात हुई घटना की रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंप दी है। इस प्रॉक्टोरियल जांच रिपोर्ट में...

नजीब के साथ हाथापाई करने वाले छात्रों का बदला जाएगा हॉस्टल
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 08 Dec 2016 09:03 PM
ऐप पर पढ़ें

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के चीफ प्रॉक्टर ने गुरुवार को माही-मांडवी हॉस्टल में 14 अक्तूबर की रात हुई घटना की रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंप दी है। इस प्रॉक्टोरियल जांच रिपोर्ट में कुछ छात्रों को माही-मांडवी हॉस्टल में रहने वाले छात्र नजीब अहमद से हाथापाई का दोषी पाया है। दोषी पाए गए छात्रों को तुरंत प्रभाव से उनके वर्तमान हॉस्टल से हस्तांतरित करने की सिफारिश की गई है। छात्र संघ अध्यक्ष ने यह एबीवीपी के छात्रों को बचाने की साजिश है। 

प्रॉक्टोरियल रिपोर्ट में दोषी पाए गए विद्यार्थियों को कड़ी चेतावनी जारी करने की भी सिफारिश की गई है ताकि वे भविष्य में किसी से भी हाथापाई की घटना न करें। रिपोर्ट को कुलपति ने मंजूर कर लिया है और कहा है कि नजीब अहमद के मिलने पर वार्डन कमेटी की ओर से दी गई सजा पर पुन: विचार किया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एमएसी बायोटेक्नोलॉजी के छात्र नजीब अहमद से विश्वविद्यालय लौटने और पढ़ाई शुरू करने के अपील की है। गौरतलब है कि 14 अक्तूबर की घटना के बाद से नजीब अहमद कैंपस से गायब हैं। 

जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष मोहित पांडे ने हमें प्रशासन की नीयत पर शक है और नजीब के गायब होने में उसकी सहभागिता दिखाई दे रही है। हमें पक्का यकीन है कि एबीवीपी से जुड़े छात्रों को बचाने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति पर रिपोर्ट बदले का दबाव रहा होगा। हम जेएनयू प्रशासन से कुछ गंभीर प्रश्न पूछना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जब कुछ छात्रों को नजीब के साथ लड़ाई और अभद्र भाषा उपयोग करने मामले में नोटिस जारी किया गया था तो वह रिपोर्ट में सिर्फ हाथापाई में कैसे बदला गया। इतनी कम सजा से एबीवीपी के सदस्यों के हौसले और बढ़ जाएंगे। 

इसके अलावा नजीब के बारे में कहा गया है कि उसकी सजा के बारे में फिर से विचार किया जाएगा। इसका क्या अर्थ है। उसकी सजा को प्रशासन ने पूरी तरह से खत्म क्यों नहीं किया जबकि 16 अक्तूबर को उसकी सजा को समाप्त कर दिया गया था। मोहित ने कहा कि हम प्रशासन के आगे नहीं झूकने वाले हैं। नजीब को न्याय दिलाने के लिए 14 दिसंबर को संसद मार्च का आयोजन किया जाएगा। 

उधर, एबीवीपी के नेता और छात्र संघ के पूर्व संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा ने कहा कि रिपोर्ट से साफ है कि विक्रांत और उसके साथियों से 14 अक्तूबर की रात कोई गलती नहीं हुई। दूसरी ओर नजीब की सजा बरकरार है क्योंकि उसने विक्रांत को थप्पड़ मारा था और उसने इस बात को वॉर्डन के सामने स्वीकार भी किया था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें