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गर्मी ने दिखाए तेवर, बिजली-पानी की बढ़ी किल्लत

तापमान में बढ़ौतरी के साथ गर्मी भी अपना रंग दिखाने लगी है। इससे बिजली की मांग में पिछले पांच दिनों में 25 लाख यूनिट से अधिक का इजाफा हुआ। इससे मांग और आपूर्ति में काफी अंतर आ गया है। भीष्ण गर्मी में...

गर्मी ने दिखाए तेवर, बिजली-पानी की बढ़ी किल्लत
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 16 Apr 2017 07:58 PM
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तापमान में बढ़ौतरी के साथ गर्मी भी अपना रंग दिखाने लगी है। इससे बिजली की मांग में पिछले पांच दिनों में 25 लाख यूनिट से अधिक का इजाफा हुआ। इससे मांग और आपूर्ति में काफी अंतर आ गया है। भीष्ण गर्मी में बिजली की मांग के साथ पानी की मांग भी चरमराने लगी है। इससे शहर में बिजली और पानी का संकट बनने लगा है। बिजली निगम के इंजीनियरों की मानें तो अगर इसी तरह गर्मी अपने तेवर दिखाने लगी तो एक सप्ताह बाद ही शहर के कुछ इलाकों में ओवरलोड कट लगने शुरू हो जाएंगे।

फाल्ट व परिमट के चलते उपभोक्ता परेशान
भीष्ण गर्मी के साथ बिजली लाइनों में आने वाले फाल्ट और मरम्मत के नाम पर लिए जाने वाले परमिट से उपभोक्ता परेशान होने लगे हैं। रविवार को गादरेज कंपनी की ओर से पल्ला बिजली घर से साढे़ पांच घंटे तक बिजली लाइन बंद रखने का परमिट लिया। इससे इलाके के उपभोक्ता बिना बिजली परेशान रहे। उपभोक्ता नीरज का कहना है कि गर्मियों के दिनों में इस तरह के परमिट नहीं लिए जाने चाहिएं। इसी तरह शहर के कई इलाकों में छिटपुट फाल्ट के चलते बिजली गुल रही। 

भीष्ण गर्मी में उठने लगी है 24 घंटे बिजली की मांग
ग्रामीण क्षेत्र में बिजली के बुरे हाल हैं। मुश्किल से 12 घंटे बिजली मिल पा रही है। ब्लॉक समिति पलवल के पूर्व चेयरमैन सुरेश चंद चौहान ने निगम से मांग की है कि भीष्ण गर्मी में बिजली आपूर्ति 24 घंटे मुहैया कराई जाए।

शहर के कई इलाकों में गहराया पेयजल संकट
अजरौंदा गांव के लोगों ने जिला उपायुक्त के समक्ष रखी शिकायत
30 एमएलडी पानी की कमी से जूझ रहा है शहर

तापमान में बढ़ौतरी होने से पेयजल आपूर्ति भी चमराने लगी है। शहर के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बार-बार बाधित होने से पेयजल संकट गहरा गया है। कॉलोनियों में बिजली की जर्जर तार अधिभार नहीं झेलने की स्थिति में बार-बार टूटती है, जिससे बिजली आपूर्ति बार-बार बाधित होती है। इसके चलते पानी के टयूबवेल नहीं चल पा रहे हैं। चरमराई पेयजल व्यवस्था को लेकर अजरौंदा गांव के लोग जिला उपायुक्त से मिले तथा पर्याप्त जलापूर्ति पेयजल मुहैया कराए जाने की मांग की। पीड़ित चंद्रपाल सैनी, ललित, नरेंद्र व अनिल, धर्मपाल, जगदीश के अलावा शान्ति व कमला ने बताया कि अजरौंदा गांव का माता का चौक, सैनी मोहल्ला और जाट मोहल्ला में पिछले 10 दिनों से पानी नहीं आ रहा है। आयुक्त ने उन्हें शीघ्र ही पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति का भरोसा दिलाया है।

रैनिवल परियोजना की जलापूर्ति पर भी है बिजली का असर
निगम अधिकारियों की मानें तो बिजली आपूर्ति बाधित होने का असर रेनीवेल परियोजना से मिलने वाली पेयजल आपूर्ति पर भी पड़ रहा है। पानी प्रेशर से नहीं आने के कारण सभी इलाकों में नहीं पहुंच पा रहा है। नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक शहर में अब पानी की बहुत अधिक कमी नहीं है। हालांकि इसके आवंटन में कुछ अवश्यक ही समस्याएं हैं, जिन्हें तेजी से दूर किया जा रहा है। फिल्हाल जिन इलाकों में पेयजल संकट है, वहां बिजली आपूर्ति बाधित होने से है। 

इन इलाकों के लोग सप्ताह भर से हैं जलापूर्ति को लेकर परेशान
स्मार्ट सिटी की घनी आबादी वाली जवाहर कॉलोनी, डबुआ कॉलोनी, पर्वतीया कॉलोनी, एसजीएम नगर कॉलोनी, सेक्टर-23 संजय कॉलोनी, दयाल बाग, शिव दुर्गा विहार व एनएच इलाकों के अलावा बल्लभगढ़ आदि में बीते सप्ताह भर से पानी को लेकर लोग खासे परेशान है। घर में पानी नहीं होने से लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। लोगों को पानी का बंदोबस्त करने के लिए रात भर जागना पड़ रहा है। तब जाकर इनकी सुबह की शुरूआत बेहतर ढंग से हो पाती है, पानी नहीं से सबकुछ ठप हो जाता है। खाना बनाने से लेकर बच्चों को स्कूल भेजने, कपड़े धौने जैसी गतिविधियां थम जाती हैं। साथ ही बिजली आने पर बार-बार मोटर चलाने से बिजली का मीटर भी भाग रहा है, जिससे बिजली बिल में बढ़ोतरी होगी।    

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