लिंग परीक्षण कराने वाले इस गैंग की कहानी हैरान कर देगी
गुड़गांव स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रेवाड़ी जिले के खोल थाने में लिंग जांच करने एक बडे़ रैकेट का पर्दाफाश करते हुए फर्जी चिकित्सक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा लिंग जांच कराने पहुंचीं दो...
गुड़गांव स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रेवाड़ी जिले के खोल थाने में लिंग जांच करने एक बडे़ रैकेट का पर्दाफाश करते हुए फर्जी चिकित्सक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा लिंग जांच कराने पहुंचीं दो महिला मरीजों समेत उनके परिवार के दो सदस्यों को भी लिंग जांच को प्रोत्साहित करने के आरोप में गिरफ्तार किया। अब रेवाड़ी जिले के खोल थाने की पुलिस अग्रिम कार्रवाई कर रही है।
पीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत गठित स्वास्थ्य विभाग की टीम को गुप्त सूचना मिली कि एक व्यक्ति लिंग परीक्षण कराता है। पीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत गठित अधिकारियों की टीम ने एक महिला-पुरुष को पति पत्नी बना कर महिला कास्टेबल के साथ लिंग परीक्षण के लिए प्रेषित किया। परीक्षण कराने वाले व्यक्ति नरेश 17 हजार रुपये में सौदा तय किया और उन्हें पहले पटौदी बुलाया फिर रेवाड़ी रोड पर आने के निर्देश दिए। वहां से नारनौल-रेवाड़ी रोड पर बुलाया।
जिसमें गर्भवती महिला बैठी थी स्वास्थ्य विभाग की टीम उस गाड़ी पीछा कर रही थी। कुंड गांव के निकट पहुंचे तो नरेश बलोरो कार लिए सड़क के किनारे खड़ा था। रात के 8 बज रहे थे, उसने कहा कि 17 हजार रुपये दे और गर्भवती महिला को उसकी गाड़ी में बिठा दे, वह जांच करा एक घंटे में छोड़ जाएगा। टीम ने अकेले महिला को उसके साथ भेजने से इनकार कर दिया, इतने में एक स्कार्पियो कार आई और उसमें से एक महिला उतर बलोरो में बैठ गई। नरेश बलोरो लेकर चला गया।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पीछा करना शुरू किया, लेकिन जब ढाणी कोलाना के निकट बलोरो तक पहुंचे तो गर्भवती महिला उसमें नहीं मिली। नरेश को जब टीम के अधिकारियों ने धमकाया तो उसने बताया कि बाइक सवार पवन पुत्र ओम प्रकाश निवासी ढानी खोलाना उसे गर्भवती महिला को लेकर थाना खोल क्षेत्र में लेकर गया है। नरेश ने यह भी बताया कि वह दूसरी गर्भवती महिला को छोड़ने के लिए अभी लौटेगा। तकरीबन एक घंटे बाद पवन पुन एक गर्भवती महिला को छोड़ने के लिए आया।
झूंझनू निवासी सरिता नाम की इस महिला और पवन को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दबोच लिया। महिला ने बताया कि लिंग जांच के बाद उसे बताया कि उसके गर्भ में लड़का है, इसके लिए 20 हजार रुपये लिए। पवन ने बताया कि लिंग जांच कौन करता है उसे नहीं पता बल्कि वह गर्भवती महिलाओं बाइक सवार सोनू को सौंपता है। पवन की निशानदेही पर गर्भवती महिला का इंतजार कर रहे सोनू को उसकी बाइक के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।
सोनू कुमार पुत्र सतबीर सिंह निवासी नानकखास जिला अलवर राजस्थान की निशानदेही पर झोला छाप डाक्टर चरण सिंह पुत्र सुबे सिंह निवासी ढाणी खोलाना को गिरफ्तार किया। चरण सिंह ने सुनसान इलाके में एक मकान में अपना क्लिनिक निर्मित किया था।
क्लिनिक देख सब हैरान
चरण सिंह ने खुद को डाक्टर बताते हुए अल्ट्रा साउंड के रुप में इस्तेमाल करने के लिए एक टीवी सेट, प्यानो, माइक और डीवीडी प्लेयर का इस्तेमाल करता था। वह न तो कोई डाक्टर था न ही लिंग जांच करता था लेकिन लोगों से रुपये लेकर माइक को गर्भवती के पेट पर फिराता, प्यानो से आवाज निकालता और उन्हें बता देता कि लड़का है कि लड़की है। गर्भवती महिला उसकी बात पर विश्वास कर चली जाती थी। चरण सिंह खुद के डाक्टर होने का कोई सबूत नहीं दे सका। उसके पास से दवाएं भी मिली लेकिन उनके रखने का कोई भी वैध दस्तावेज या लाइसेंस उसके पास नही था।
स्थानीय टीम ने कार्रवाई से किया इनकार
देर रात गुड़गांव स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रेवाड़ी की सिविल सर्जन डा पुष्पा बिश्नोई को सूचना दी तो दो डिप्टी सिविल सर्जन डा. जेके सैनी और डा. धर्मेंद्र थाने पहुंचे लेकिन उन्होंने कार्रवाई से इनकार करते हुए कहा कि कोई अपराध ही बनता। आरोपियों के पास अल्ट्रासाउंड नहीं था, इसलिए लिंग परीक्षा का मामला ही नहीं बनता। गुड़गांव स्वास्थ्य विभाग के लाख समझाने के बाद भी वे अपनी जिंद पर अडे़ रहे। लिहाजा गुड़गांव स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ही एफआईआर दर्ज करा लिंग जांच गिरोह के सदस्य नरेश, पवन, सोनू, चरण सिंह एवं लिंग जांच कराने वाली महिला सरिता, सतबीर, भरत राम और राजकुमार को पीएनडीटी एक्ट 1994 के उलंघन के आरोप में गिरफ्तार करा दिया।
टीम में ये अधिकारी रहे शामिल
डिप्टी सिविल सर्जन गुड़गांव निलम थापर, ड्रग कंट्रोल अधिकारी अमनदीप चौहान, रेडक्रास सचिव श्याम सुंदर,विनोद कुमार एसआई, संजय कुमार एएसआई, हेडकास्टेबल परमबीर सिंह, ईएचसी सुरिंदर सिंह, कास्टेबल पूनम समेत एक महिला और पुरुष शामिल थे।