दुनिया में पहली बार बिना बिजली के दूध कोल्ड स्टोरेज करने की नई तकनीक ग्रीन चिल
जिला गुड़गांव को जल्द ही दूध की कोल्ड स्टोरेज करने के लिए न्यू लीफ की ग्रीनचिल तकनीक की सौगात मिलने जा रही है। यह बिना विद्युतीय बिजली के संचालित होगा। यह दुनिया की एकमात्र ऐसी तकनीक है जिसमें दूध को...
जिला गुड़गांव को जल्द ही दूध की कोल्ड स्टोरेज करने के लिए न्यू लीफ की ग्रीनचिल तकनीक की सौगात मिलने जा रही है। यह बिना विद्युतीय बिजली के संचालित होगा। यह दुनिया की एकमात्र ऐसी तकनीक है जिसमें दूध को ठंडा करने के लिए गोबर के उपले और कृषि अपशिष्ट का प्रयोग किया जाएगा।
यह तकनीक न्यू लीफ डायनामिक टैक्नोलाॠजी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित की गई है। 4 साल तक गहन स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास प्रयासों से ग्रीन चिल को विकसित किया गया है। इस तकनीक को शुरूआती तौर पर पाॠयलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है। इसके बाद इसे जिला के 100 अन्य गांवो में शुरू किए जाने की योजना है।
इस तकनीक में खेत बर्बाद, सूखे गोबर, लकड़ी, बांस,भूसी , घास या बायोमास गैसीफायर या जनरेटर की व्यर्थ गर्मी का प्रयोग किया जाता है। ग्रीनचिल में 500 से 1000 लीटर दूध, फल, सब्जियों, फूल, मछलियों या अन्य बागवानी उत्पादों को सरंक्षित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ग्रीनचिल का कोई शुद्ध कार्बन और ग्रीन हाऊस गैस उत्सर्जन नही है। ग्रीनचिल यूएनएफसीसीसी के क्योटो प्रोटोकाॠल 2020 के तहत पर्यावरण अनुकूल शीतलक-अमोनिया का प्रयोग करता है।
इस तरह फायदा पहंुचाएगी नई तकनीक
उपायुक्त टी एल सत्यप्रकाश ने बताया कि यह एक गैर -कंप्रेसर प्रशीतन है। ग्रीनचिल को चलाने के लिए ग्रिड आधारित बिजली की आवश्यकता नही होती। ना डीजल जनरेटर बैकअप की क्योंकि यह कम लागत वाले अक्षय ऊर्जा आदानों जैसे कृषि अपशिष्ट या बायोमास का प्राथमिक ऊर्जा स्त्रोत के रूप में इस्तेमाल करता है। ग्रीन चिल किसी प्रकार का ध्वनि प्रदूषण व वायु प्रदूषण भी नही करता और इसका रखरखाव रखना भी बेहद सरल है। इसमें किसी प्रकार का गैस उत्सर्जन नही होता। यह कम जगह पर भी लगाया जा सकता है इसे लगाने के लिए बड़ी जगह की आवश्यकता नही होती।
पशु पालकों को होगा फायदा
वी2सीबाजार के सीईओ संजीव ने बताया कि इस तकनीक से कोल्ड स्टोरेज किए हुए दूध को वी2सीबाजार जेएमडी गलेरिया मार्केट में लगे आजीविका एक्सपीरियंस स्टोर पर उपलब्ध कराएगा। किसानों को अभी जो दूध 40 रूपये प्रति लीटर मिलता था इसके ऊपर वी2सीबाजार 15 प्रतिशत ऊपर का दाम देगा। जो गोबर के उपले है उसका भी दाम देगा। ग्राहक को शुद्ध दूध इस प्रक्रिया से कम मूल्य पर प्राप्त होगा। आज कल दूध में चल रही मिलावट से भी लोगों को राहत मिलेगी। लोग शुद्ध दूध कम दामों मे प्राप्त कर सकेंगे।
माकडौला से शुक्रवार को होगी शुरूआत
ग्रीनचिल के तकनीकी विशेषज्ञ आकाश अग्रवाल ने बताया कि इस तकनीक की शुरूआत जिला गुड़गांव के मांकड़ौला से की जाएगी जिसका शुभारंभ कल 15 अप्रैल को गांव मांकड़ौला में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह दोपहर 2:30 बजे करेंगे। हालांकि केन्द्रीय मंत्री का औपचारिक रूप से दौरा कार्यक्रम अभी तक जारी नही हुआ है।