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इंजीनियरिंग व प्रबंधन कॉलेजों की फीस शासन तय करेगा

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय(एकेटीयू) से संबद्ध इंजीनियरिंग व प्रबंधन कॉलेज अब छात्रों से मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे। अब शासन की ओर से इंजीनियरिंग व प्रबंधन कॉलेजों के लिए फीस के...

इंजीनियरिंग व प्रबंधन कॉलेजों की फीस शासन तय करेगा
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 24 Jan 2017 12:34 AM
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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय(एकेटीयू) से संबद्ध इंजीनियरिंग व प्रबंधन कॉलेज अब छात्रों से मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे। अब शासन की ओर से इंजीनियरिंग व प्रबंधन कॉलेजों के लिए फीस के मानक तय किए जा रहे हैं। इससे छात्रों को कॉलेजों की ओर से वसूली जाने वाली मनमानी फीस से राहत मिलेगी।

शासन की प्रवेश और फीस नियमन समिति ने इस बाबत निर्णय लिया है। समिति का फैसला लागू होने के बाद छात्र 55 हजार में बीटेक व 58 हजार में एमटेक  की पढ़ाई कर सकेंगे। समिति की ओर से निर्धारित इस मानक शुल्क पर कॉलेजों के सहमत होने पर छात्रों को राहत मिलने जा रही है।

वहीं इससे असहमत रहने वाले कॉलेजों के खर्चे की प्रशासन की ओर से जांच होगी। इसके बाद उनकी फीस के बारे में फैसला होगा। शासन की प्रवेश और फीस नियमन समिति ने कॉलेजों की मनमानी फीस वसूली पर लगाम लगाने के लिए इंजीनियरिंग व प्रबंधन के डिग्री व डिप्लोमा कोर्सों का मानक शुल्क निर्धारित किया है। 

कॉलेजों के पास 31 जनवरी तक का समय
-शासन की प्रवेश और फीस नियमन समिति के निर्णय पर सहमति के लिए कॉलेजों के पास 31 जनवरी तक का समय है। मानक शुल्क पर विश्वविद्यालय से संबद्ध 217 इंजीनिर्यंरग कॉलेज और 218 डिप्लोमा कॉलेजों ने सहमति दी है।

सहमति के लिए समिति की ओर से निर्धारित अंतिम तिथि तक बड़ी संख्या में कॉलेजों की ओर से सहमति प्रदान करने की उम्मीद है। इसके लिए शासन की प्रवेश और फीस नियमन समिति ने कॉलेजों को पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है। मौजूदा समय में प्रदेश में 610 निजी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं और 396 निजी डिप्लोमा कॉलेज हैं। 

समिति की ओर से निर्धारित कोर्स शुल्क
-बीटेक , बीआर्क , बीफार्मा, बीएफए, बीएफएडी 55 हजार रुपये
-बीएचएमसीटी 73 हजार रु पये
-एमबीए, एमसीए, एमटेक , एमफार्मा, एमआर्च 58 हजार रु पये
-तीन वर्षीय डिप्लोमा 30 हजार रु पये, एक व दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स 21,500 रु पये

मानक शुल्क पर 228 कॉलेज सहमत नहीं
-शासन की ओर से मानक शुल्क पर अभी 228 कॉलेज सहमत नहीं हैं। इसमें 211 इंजीनिर्यंरग व 16 डिप्लोमा कॉलेज शामिल हैं। इन कॉलेजों की ओर से अब अपने खर्चे का पूरा ब्यौरा व फीस की जानकारी नियमन समिति को दी जाएगी। कॉलेजों की जानकारी की जांच के बाद कॉलेज के खर्चे के हिसाब से फीस का निर्धारण होगा।

शासन की प्रवेश और नियमन समिति ने कॉलेजों से मानक शुल्क पर सुझाव मांगे हैं। इसपर कॉलेजों को समिति की ओर से निर्धारित अंतिम तिथि तक अपना जवाब देना है। शासन की प्रवेश समिति की ओर से निर्धारित मानक शुल्क पर किसी कॉलेज द्वारा असमत होने पर उसे समिति को इसकी जानकारी देनी होगी। 
-सचिन जांभले, एडमीशन को-आर्डिनेटर, एमजीएम कॉलेज

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