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नगर निगम चुनाव: स्वराज्य इंडिया को झटका, एक चुनाव चिह्न की मांग खारिज

दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले स्वराज्य इंडिया को करारा झटका लगा है। इस चुनाव में स्वराज्य इंडिया को अब हरेक वार्ड में अलग-अलग चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ना होगा। हाईकोर्ट ने बुधवार को योगेंद्र यादव की...

नगर निगम चुनाव: स्वराज्य इंडिया को झटका, एक चुनाव चिह्न की मांग खारिज
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 29 Mar 2017 03:07 PM
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दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले स्वराज्य इंडिया को करारा झटका लगा है। इस चुनाव में स्वराज्य इंडिया को अब हरेक वार्ड में अलग-अलग चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ना होगा। हाईकोर्ट ने बुधवार को योगेंद्र यादव की अगुवाई वाली स्वराज्य इंडिया की उस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने नगर निगम चुनाव में अपने उम्मीदवारों के लिए एक समान चुनाव चिह्न देने की मांग की थी।

जस्टिस हीमा कोहली ने स्वराज्य इंडिया की याचिका खारिज करते हुए कहा कि चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, ऐसे में अब इस पर विचार नहीं किया जा सकता है। स्वराज्य इंडिया ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सभी वार्डों के लिए एक समान चुनाव चिह्न आवंटित नहीं करने के फैसले को चुनौती दी थी। हालांकि आयोग ने सुनवाई के दौरान साफ कर दिया था कि इस चुनाव में स्वराज्य इंडिया पार्टी को एक समान चुनाव चिह्न नहीं दिया जा सकता। 

आयोग की ओर से अधिवक्ता सुमित पुष्करणा ने कहा कि चुनाव चिह्न तय करने का अधिकार क्षेत्र भारतीय निर्वाचन आयोग का है और हमने उसी के अनुसार नियम तय किए हैं। उन्होंने कहा था कि हमें तय मापदंड के तहत एक समान्य चुनाव चिह्न प्रदान करने का अधिकार नहीं है और हम (आयोग) कैसे तय कर सकते है कि कौन योग्य है कौन नहीं। 
पुष्करणा ने हाईकोर्ट को यह भी बताया कि अब के चुनावों में उम्मीदवारों की तस्वीरें भी लगाई जा रही हैं, ऐसे में मतदाताओं को कोई पेरशानी नहीं होगी। आयोग ने कहा था कि इसमें किसी तरह का कोई दुराग्रह या पक्षपातपूर्ण तरीके से निर्णय नहीं लिया गया है। पिछली सुनवाई पर पुष्करणा ने कहा था कि स्वराज इंडिया पार्टी पंजीकृत है लेकिन अपरिचित पार्टी है। 

दूसरी तरफ स्वराज इंडिया पार्टी की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा था कि आयोग को एक समान्य चुनाव चिह्न देने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी को भी इसी आधार पर एक समान्य चुनाव चिह्न आवंटित किया गया था और कई अन्य राज्यों में भी इसी प्रकार से चुनाव चिह्न दिए गए हैं। भूषण ने कहा था कि ऐसे में आयोग कैसे कह सकता है कि कुल छह प्रतिशत वोट और विधानसभा में कम से कम दो सदस्यों के होने पर ही कॉमन चुनाव चिह्न प्रदान किया जा सकता है। स्वराज्य इंडिया ने राज्य निर्वाचन आयोग के 7 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी।

याचिका में कहा गया है कि भारतीय निर्वाचन आयोग के आदेश के अंतर्गत चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन), (संशोधन) 2016 में आयोग स्वयं ही नए पंजीकृत राजनीतिक दलों को अपने सभी उम्मीदवारों के लिए अपना पहला चुनाव लड़ने के लिए एक समान चुनाव चिन्ह देता है। याचिका में पार्टी ने कहा था कि महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, केरल, सिक्किम और त्रिपुरा जैसे राज्य भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करते हैं। स्वराज्य इंडिया ने हाईकोर्ट से राज्य निर्वाचन आयोग के 7 मार्च के आदेश को रद्द करने और उन्हें एक समान चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश देने की मांग की थी।

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