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आठ अधिकारियों की बर्खास्तगी से नगर निगम में हड़कंप

चंडीगढ़ में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन द्वारा नगर निगम के आठ अधिकारियों के खिलाफ निलंबन के आदेश से स्थानीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। चर्चा है कि इस मामले में कुछ और भी अधिकारी एवं...

आठ अधिकारियों की बर्खास्तगी से नगर निगम में हड़कंप
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 10 Jul 2016 11:43 PM
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चंडीगढ़ में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन द्वारा नगर निगम के आठ अधिकारियों के खिलाफ निलंबन के आदेश से स्थानीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। चर्चा है कि इस मामले में कुछ और भी अधिकारी एवं कर्मचारी लपेटे में आ सकते हैं। दरअसल, निगमायुक्त टीएल सत्यप्रकाश पहले ही अपनी स्तर पर हुई जांच की रिपोर्ट सरकार को भेज चुके हैं। फिलहाल इस आदेश के बाद नगर निगम में काम के लिए केवल दो एक्सईएन ही शेष रह गए है। दोनों एक्सईएन अभी नए आए हैं।

निगम अधिकारियों के मुताबिक वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान शहर में हुए विकास कार्यों को कराने में लापरवाही बरतने के आरोप लगे थे। इसमें सरकार द्वारा पारदर्शिता के लिहाज से ई-टेंडर अनिवार्य किए जाने के बावजूद कोटेशन के आधार पर काम आवंटित करने के आरोप थे। मंत्री कविता जैन ने विभागीय जांच के आदेश दे दिए थे। इसके बाद निगमायुक्त समेत चंडीगढ़ से आए अधिकारियों ने मामले की पड़ताल की। इसमें पाया गया कि करोड़ों रुपये के विकास कार्यों के लिए भी टेंडर की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। चूंकि यह सभी प्रोजेक्ट केवल एक्सईएन अपने स्तर पर नहीं जारी कर सकते। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि जांच की आंच प्रोजेक्ट के लिए बजट मंजूर करने वाले कुछ अन्य अधिकारियों एवं पदाधिकारियों तक भी पहुंच सकती है।
 
छह अप्रैल को हुए थे जांच के आदेश
मंत्री कविता जैन ने इसी साल छह अप्रैल को मामले की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद शहरी स्थानीय निकाय विभाग के मुख्य अभियन्ता डीएस बाजवा ने 27 अप्रैल तक निगमायुक्त के द्वारा जांच कराई। अनियमितता की पुष्टि होने के बाद निगमायुक्त ने सभी आठ आरोपी अधिकारियों को 2 जून तक कारण बताओ नोटिस जारी किया था। लेकिन किसी भी अधिकारी ने उनके समक्ष पेश होकर अपना पक्ष नहीं रखा।
 
23 करोड़ के काम को लेकर है विवाद
नगर निगम में कोटेशन के आधार पर कराए गए 23 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को लेकर विवाद है। निगम के मैनुअल के मुताबिक जलापूर्ति, सीवेज से संबंधित अति आवश्यक सेवाओं के लिए ही कोटेशन के माध्यम से काम कराया जा सकता है। यहां आरोप है कि अधिकारियों ने अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए सामान्य प्रक्रिया से होने वाले कामों को भी कोटेशन के आधार पर कराया है।
 
इनके खिलाफ हैं आरोप
वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान एक्सईएन भोपाल सिंह ने इलेक्ट्रिकल डिवीजन में 711 लाख रुपये, एक्सईएन विजय ढाका ने वाटर सर्विस डिवीजन में 566 लाख रुपये, एक्सईएन अभिनव वर्मा ने डिवीजन 3 में 457 करोड़ रुपये, एक्सईएन विशाल बंसल एवं भोपाल सिंह ने डिवीजन 4 में 210 लाख रुपये, एक्सईएन प्रीतम चंद ने डिवीजन 5 में 310 लाख रुपये और एक्सईएन विकास मलिक ने डिवीजन 6 में 53 लाख रुपए के विकास कार्य ई-टेंडर की जगह कोटेशन के आधार पर कराए हैं। कुल 23.10 करोड़ रुपये के काम कोटेशन से कराए गए हैं।
 
सरकार का आदेश लिखित तौर पर तो अभी नहीं आया है, लेकिन छह एक्सईएन समेत आठ अधिकारियों के निलंबन की जानकारी मिली है। अभी भी हमारे पास शहर में विकास कार्य जारी रखने के लिए नए आए दो एक्सईएन मोहम्मद जुबेर एवं बागड़ी मौजूद हैं।
- अमित खत्री, अतिरिक्त निगमायुक्त

 

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