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गुड़गांव: रेड लाइट जम्प करने पर घर पहुंच जाएगा चालान

साइबरसिटी की ट्रैफिक पुलिस को स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू हो गई है। जिसके तहत जहां ट्रैफिक पुलिस के जवानों की वर्दी पर बाडी कैमरे होते तो हाथ में ई चालान मशीन और टेबलेट से लैश होंगे। इसके साथ ही...

गुड़गांव: रेड लाइट जम्प करने पर घर पहुंच जाएगा चालान
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 12 Oct 2016 09:25 PM
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साइबरसिटी की ट्रैफिक पुलिस को स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू हो गई है। जिसके तहत जहां ट्रैफिक पुलिस के जवानों की वर्दी पर बाडी कैमरे होते तो हाथ में ई चालान मशीन और टेबलेट से लैश होंगे। इसके साथ ही पुलिस शहर के सिग्नेचर टॉवर, इफको चौक और हुडा सिटी सेंटर चौक पर विशेष प्रकार के कैमरे लगवाने जा रही है। इन चौक पर रेड लाइट और यातायात नियमों का उलंघन करने वालों के घर चालान पहुंच जाएगा।

संयुक्त आयुक्त ट्रैफिक (जेसीपी) वाई पूर्ण कुमार ने बताया कि इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर कार्य किया जा रहा है। इससे ट्रैफिक पुलिस के कार्य कुशलता को बेहतर किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि ट्रायल के तौर पर हुडा सिटी सेंटर, सिग्नेचर टॉवर और इफको चौक पर दो प्रकार के सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसमें पीटीजेड अर्थात पैन-टिल्ट-जूम किस्म के कैमरों होंगे। जिसकी दिशा और जूम कंट्रोल रूम से ही सेट किया जा सकेगा। दूसरा कैमरा लाईसेंस प्लेट रीडिंग अर्थात एएनपीआर होंगे। जिससे वाहनों की नंबर प्लेट आसानी से पढ़ा जा सकता है। जेसीपी ने कहा कि तीनों चौक 24 घंटे सीसीवीटी के जद में होंगे और यातायात उलंघन करने वालों के घर चालान भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी ने चालान नहीं भरा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। तीन बार चालान न भुगतने पर वाहन को जब्त कर लिया जाएगा। इसके लिए कंट्रोल रुम तैयार किया जा रहा है। जहां से इन सभी को नियंत्रित किया जा सकेगा। जल्द ही वर्चुअल तरीके से ट्रैफिक पर नजर रखी जाएगी। योजना सफल रही तो आगे विस्तार किया जाएगा। 

वाहनों का डाटा तैयार किया जा रहा है
जेसीपी कुमार ने बताया कि 15 बॉडी वार्न कैमरें खरीदने का आर्डर जारी किया जा चुका है। हमारी योजना है कि यातायात पुलिस कर्मी की वर्दी पर बाड़ी कैमरा और हाथ में चालान मशीन और टेबलेट हो। टेबलेट और ई मशीन लाने की  योजना पर कार्य किया जा रहा है। इससे पहले जिले में पंजीकृत वाहनों का डाटा तैयार किया जा रहा है। जिससे चालान करते वक्त यातायात पुलिस कर्मी को इनका ब्योरा मिल सके कि उक्त वाहन का कितनी बार चालान किया गया है। 

कैमरे से मिलेगी राहत
अक्सर ट्रैफिक पुलिस के जवान किसी वाहन चालक को रोकते हैं तो लोग पुलिस कर्मियों से बहस करने लग जाते हैं। कई बार तो अपराध को खारिज कर पूरा दोष पुलिस कर्मियों पर मढ़ देते हैं और शिकायत आला अधिकारियों तक पहुंच जाती है। ऐसे में पुलिस कर्मियों को यह कैमरा मिलने के बाद पूरा घटनाक्रम रिकार्ड होगा। यदि पुलिस कर्मी भी किसी से दुर्व्यवहार करते हैं तो वह भी दर्ज होगा। 

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