JNU की जांच में एबीवीपी कार्यकर्ता नजीब पर हमले का दोषी पाया गया
जेएनयू के प्रॉक्टर की जांच में एबीवीपी कार्यकर्ता विक्रांत कुमार को विश्वविद्यालय परिसर में हुए हंगामे के दौरान नजीब अहमद पर हमला करने का दोषी पाया गया है। इस घटना के बाद से ही नजीब लापता...
जेएनयू के प्रॉक्टर की जांच में एबीवीपी कार्यकर्ता विक्रांत कुमार को विश्वविद्यालय परिसर में हुए हंगामे के दौरान नजीब अहमद पर हमला करने का दोषी पाया गया है। इस घटना के बाद से ही नजीब लापता है।
उत्तर प्रदेश के बदायूं का रहने वाला नजीब जेएनयू में स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का छात्र है। वह विश्वविद्यालय परिसर में विक्रांत सहित एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ हुई कथित हाथापाई के एक दिन बाद यानी 15 अक्तूबर से लापता है। जेएनयू ने घटना के संबंध में प्रॉक्टर की निगरानी में जांच के आदेश दिए थे।
एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, प्रॉक्टर की जांच में विक्रांत कुमार 14 अक्तूबर को आक्रमक व्यवहार के साथ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए नजीब अहमद पर हमला करने का दोषी पाया गया। यह अनुशासनहीनता और दुराचार है। विक्रांत से यह पूछा गया है कि आखिर क्यों उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई न की जाए? बहरहाल, एबीवीपी ने विक्रांत का समर्थन करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर जांच के दौरान पक्षपात करने का आरोप लगाया। एबीवीपी सदस्य और जेएनयूएसयू के पूर्व सदस्य सौरभ शर्मा ने कहा कि इस मामले में प्रॉक्टर ने उन छात्रों के बयान लिए हैं जो वहां मौजूद ही नहीं थे। न केवल जांच पक्षपातपूर्ण है, बल्कि प्रशासन ने वाम बहुल छात्रसंघ का साथ दिया है।
लापता छात्र को ढूंढने में विश्वविद्यालय प्रशासन और दिल्ली पुलिस की नाकामी के खिलाफ जेएनयू छात्र एवं शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के निर्देश पर दिल्ली पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा ने लापता छात्र को ढूंढने के लिए पिछले महीने एसआईटी गठित की थी। बहरहाल, अतिरक्ति पुलिस उपायुक्त-द्वितीय दक्षिण मनीषी चंद्र के नेतृत्व में एसआईटी को इस मामले में कोई खास सुराग हाथ नहीं लगे थे। इसके बाद मामला दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को भेज दिया गया।