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156 असुरक्षित स्कूली बसें सड़कों पर दौड़ रहीं

प्रदेश के एटा जिले के असदपुर गांव में गुरुवार को स्कूली बस हादसे के बाद जब शहर के स्कूलों की बसों की पड़ताल की गई तो सड़कों पर दौड़ रही 156 स्कूली बसें असुरक्षित पाई गईं हैं। परिवहन विभाग के नोटिस के...

156 असुरक्षित स्कूली बसें सड़कों पर दौड़ रहीं
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 20 Jan 2017 12:21 AM
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प्रदेश के एटा जिले के असदपुर गांव में गुरुवार को स्कूली बस हादसे के बाद जब शहर के स्कूलों की बसों की पड़ताल की गई तो सड़कों पर दौड़ रही 156 स्कूली बसें असुरक्षित पाई गईं हैं। परिवहन विभाग के नोटिस के बाद भी इन बसों ने एक वर्ष से फिटनेस जांच नहीं कराई है।

इस दौरान अधिकांश स्कूली बसों सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय किए गए मानकों पर खरी नहीं उतरी। परिवहन विभाग के पास जिले के स्कूलों की सिर्फ 1706 बसें ही पंजीकृत हैं। इन बसों को स्कूल प्रबंधन की ओर से चलवाया जा रहा है। वहीं इनमें से 156 स्कूली बसों ने एक वर्ष से फिटनेस जांच नहीं कराई है। परिवहन विभाग की ओर से इन बसों की फिटनेस जांच कराए जाने को लेकर दो बार स्कूलों को नोटिस भेजा गया, लेकिन उनपर कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में स्कूलों की ओर से भी इन बसों की फिटनेस जांच नहीं कराई जा रही है। 

कांट्रेक्ट पर चल रही बसों की जानकारी नहीं
जिले के स्कूलों में चल रही बसों में करीब तीन हजार बसें निजी कांट्रेक्टरों की हैं। इन बसों को स्कूल प्रबंधन की ओर से दिल्ली के कांट्रेक्टरों से लगवाया गया है। ऐसे में इन बसों की परिवहन विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है। 

सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्कूली बसों के लिए तय किए गए मानक
1- बसों के आगे-पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए। 
2- स्कूली बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स की व्यवस्था हो।
3- प्रत्येक बसों में आग बुझाने के उपकरण होने चाहिए।  
4- अगर किसी एजेंसी से बस अनुबंध पर ली गई है तो उस पर 'ऑन स्कूल ड्यूटी' लिखी होनी चाहिए। 
5- बसों में सीट क्षमता से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए। 
7- स्कूल बस पीले रंग की हो, जिसके बीच में नीले रंग की पट्टी पर स्कूल का नाम और फोन नंबर होना चाहिए।  
8- बसों के दरवाजे को अंदर से बंद करने की व्यवस्था होनी चाहिए।
9- बस में सीटे के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए।
10- बसों में टीचर जरूर होने चाहिए, जो बच्चों पर नजर रखें।
11- प्रत्येक बस चालक को कम से कम 5 साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव हो।
12- किसी भी चालक को रखने से पहले उसका सत्यापन जरूरी है। एक बस में कम से कम दो चालक होने चाहिए।
13- चालक का कोई चालान नहीं होना चाहिए और न ही उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज हो।

बीते वर्ष हो चुका है बड़ा हादसा
पिछले वर्ष पांच मई को महामाया फ्लाईओवर के पास तेज रफ्तार स्कूली बस ने आटो में पीछे से टक्कर मार दी थी। इसमें ऑटो में सवार आटो चालक व एचसीएल इंजीनियर युवती की मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं कई बच्चे भी गंभीर रूप से घायल हुए थे। इसके बाद एआरटीओ विभाग की ओर से सभी स्कूलों से बसों और उनके पंजीकरण की जानकारी मांगी गई थी। इसके एक सप्ताह बाद परिवहन विभाग ने नियमों का उल्लंघन कर रही नामी स्कूल की 15 बसों के चालान किए थे। इसके बाद से परिवहन विभाग की ओर से किसी स्कूल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। 

फिटनेस जांच नहीं कराने वाली बसों पर होगी कार्रवाई
एआरटीओ रचना यदुवंशी ने बताया कि स्कूलों से कांट्रेक्ट बसों की कई बार जानकारी मांगी गई है, लेकिन स्कूल कांट्रेक्ट वाहन नहीं रखने की बात कहते हैं। अब स्कूली बसों के ड्राइवरों की लाइसेंस व बसों की जांच की जाएगी। इसमें फिटनेस जांच नहीं कराने वाली बसें सड़कों पर चलती पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

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