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82 उम्मीदवारों ने भरा नामांकन फार्म

नवादा नगर परिषद, हिसुआ और वारिसलीगंज नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों से 82 उम्मीदवारों ने नामांकन फार्म भरा। अनुमंडल कार्यालय नवादा में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक लोगों की भारी भीड़ जुटी रही। चिलचिलाती...

82 उम्मीदवारों ने भरा नामांकन फार्म
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 24 Apr 2017 07:44 PM
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नवादा नगर परिषद, हिसुआ और वारिसलीगंज नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों से 82 उम्मीदवारों ने नामांकन फार्म भरा। अनुमंडल कार्यालय नवादा में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक लोगों की भारी भीड़ जुटी रही। चिलचिलाती धूप के बावजूद भी भीड़ टस से मस होने का नाम नहीं ले रही थी। अनुमंडल कार्यालय परिसर में बने नवादा नगर परिषद के नामांकन कक्ष व वारिसलीगंज नगर पंचायत के नामांकन कक्ष में एक-एक कर उम्मीदवार अपने सभी कागजात के साथ नामांकन कराने पहुंचते रहे। सोमवार को तीनों निकायों के लिए 82 नामांकन हुए। सबसे अधिक नवादा नगर परिषद के लिए 42 नामांकन हुए, जबकि हिसुआ नगर पंचायत के लिए 29 व वारिसलीगंज नगर पंचायत के लिए 21 उम्मीदवारों ने नामांकन कराया।

नवादा नगर परिषद से अब तक हुए 50 नामांकन

नवादा नगर के सभी 33 वार्डों के लिए अब तक 50 नामांकन हो चुके हैं। सोमवार को यहां से 42 लोगों ने नामांकन कराया। नामांकन कराने वालों में महिला उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा देखी गयी। सोमवार को जिन उम्मीदवारों ने नामांकन कराया उनमें वार्ड 1 से सुषमा देवी, वार्ड 2 से सनोज कुमार, अभिषेक कुमार, कौशल किशोर कुमार, वार्ड 3 से अदरिता कुमारी, वार्ड 4 से संगीता देवी, वार्ड 6 से रूबी देवी, विजय शर्मा, वार्ड 8 से अनुप कुमार सिन्हा, वार्ड 9 से कृष्णा प्रसाद, वार्ड 11 से रंजीत कुमार, त्रिपुरारी प्रसाद, वार्ड 30 से मो. सेराजुद्दीन, जसीमउद्दीन, खुर्शीदा खातुन, वार्ड 31 से नसीमा खान ने नामांकन कराया। वार्ड नंबर 12 से रंजीत कुमार, गुड्डू प्रसाद, 13 से विक्की कुमार, हेमंत कुमार, 14 से सोनी देवी, 15 से बब्लु कुमार, 16 से सीमा राय, 17 से वंदना कुमारी, 18 से बबीता कुमारी, कंचन देवी, कंचन देवी, 20 से सुशीला देवी, 22 से जूली देवी, राधा देवी ने नामांकन कराया।

इधर, हिसुआ नगर पंचायत के लिए वार्ड 1 से अर्जुन प्रसाद यादव, वार्ड 2 से नीतू देवी, मोसाफिर दास, अशोक चौधरी, आशा कुमारी, रीना चौधरी, वार्ड 3 से विनोद कुमार, मनोज कुमार शर्मा, मो. इस्लाम, नौशाद, वार्ड 4 से सुनीता देवी, लता देवी, वार्ड 5 से रीता देवी, उषा देवी, प्रतीमा देवी, वार्ड 6 से अशोक कुमार, वार्ड 7 से मंजू देवी, कौशल्या देवी, वार्ड 8 से अनिल सिंह, वार्ड 9 से कुंती देवी, बसंती देवी, 10 से अमित कुमार, जितेंद्र कुमार, श्रवण कुमार राउत, वार्ड 11 से जयशंकर झा, वार्ड 13 से शंभू शर्मा, वार्ड 14 से किरण शर्मा, वार्ड 16 से मुनिया देवी, वार्ड 17 से माधुरी देवी ने नामांकन कराया। दूसरी तरफ, वारिसलीगंज नगर पंचायत के वार्ड 1 से अभय कुमार, 2 से अनिल कुमार, 5 से इंद्रावती देवी, 17 से बलराज कुमार, 15 से बबीता देवी, 19 से चंचल देवी, 10 से बेबी देवी, पिंकी कुमार, 13 से मुनेश्वरी देवी, 11 से सुमन कुमार, बब्ली कुमार, 12 से मुंशी कुमार, शंभु प्रसाद, 18 से राजकली देवी, 16 से निर्मला देवी, 18 से सरधा देवी, 20 से मीना देवी, 14 से डेजी कुमारी, मिंटू देवी, 9 से सन्नी कुमार, सुनील कुमार गुप्ता ने नामांकन कराया।

नामांकन कराने के बाद खाने-पीने का चल रहा दौर

निकाय चुनाव में एक बाद जो दिलचस्प है वह है नामांकन कराने के बाद खाने-पीने की। सभी नेताजी अपने समर्थन में वार्ड क्षेत्र से अधिक भीड़ दिखाने के लिए अपने साथ हुजूम लेकर नामांकन कराने पहुंच रहे हैं। इस बीच सारे समर्थक जोर-जोर से फलां नेताजी जिंदाबाद, हमारा वार्ड पार्षद कैसा हो फलां नेताजी जैसा हो.... कुछ इसी तरह के नारों से पूरा माहौल खुशनुमा बनाये रखते है। महिला उम्मीदवार होने पर उनके साथ उनके गली-मोहल्ले की दर्जन भर महिलाएं, लड़कियां भी साथ में रहती हैं। पुरुष उम्मीदवार में पुरुषों, युवाओं की भीड़ दिखती है। नामांकन कराने के बाद सभी लोग नेताजी के बताये ठिकाने पर पहुंचकर जी भर कर पुड़ी, सब्जी, जलेबी, रसगुल्ला, मुर्गा-मछली, ठंडा, लस्सी आदि का स्वाद चखते हैं। चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों के लिए यही वह मौका होता है जब खर्चबल के जरिये अपने पक्ष में वोटरों को करने के लिए उन्हें तरह-तरह से रिझाते हैं।

नामांकन महिलाओं का पर राजनीति पुरुषों की

निकाय चुनाव में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण का ही असर है कि करीब-करीब जगहों पर महिला उम्मीदवार नामांकन कराने के लिए पहुंच रही हैं। अनेक वार्ड क्षेत्र से पुरुष उम्मीदवार को महिलाएं टक्कर दे रही हैं। नवादा, हिसुआ व वारिसलीगंज में अब तक हुए नामांकन के आंकड़े भी यही बताते हैं।

सरकार ने महिलाओं को राजनीतिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए यह मौका दिया है, लेकिन नवादा जिले में मौजूदा समय में महिलाओं की राजनीतिक हिस्सेदारी का अवलोकन करें तो ऐसा प्रतीत होता है कि ये महिलाएं आरक्षण के बाद भी अब तक कहीं न कहीं रबर स्टांप ही बनी हैं। जिन घरों से ये महिला उम्मीदवार नामांकन कराने आ रही हैं उनके नामांकन के बाद सारा कामकाज, राजनीति के दांव-पेंच उनके घर के पुरुष सदस्य ही निभाते हैं। यहां तक कि अनेकों महिला जनप्रतिनिधि के मामलों में यह देखा जाता है कि वे स्वतंत्र रूप से राजनैतिक निर्णय नहीं ले पाती हैं। उनके ऊपर कहीं न कहीं पुरुषों की सोच ही हावी रहती है। ऐसे में सरकार की महिला उत्थान संबंधी जो सोच है वह अपने मकसद में कामयाब होती नहीं दिखती।

आरक्षण तो मिला लेकिन नहीं मिली पूर्ण आजादी: पुष्पा कुमारी

जनवादी महिला समिति की जिलाध्यक्ष पुष्पा कुमारी कहती हैं कि सरकार ने महिलाओं की राजनैतिक हिस्सेदारी को लेकर आरक्षण तो सुनिश्चित कर दिया, लेकिन सामाजिक स्तर पर उन महिलाओं को स्वतंत्र होकर खुद से निर्णय करने की आजादी नहीं मिली। इसे लेकर वे चिंता जाहिर करती हैं। पुष्पा ने कहा कि इससे तो महिलाओं पर और शोषण बढ़ गया। वे कहतीं हैं कि कई घरों में महिला प्रतिनिधियों से उनकी इच्छा के विरुद्ध कागज पर दस्तखत लगवाये जाते हैं। पुरुष सदस्यों की इच्छा के अनुरूप ही उन्हें काम करने के लिए कहा जाता है। वे कहतीं हैं कि जब तक महिलाओं को पूर्ण रूप से आजादी नहीं मिलती वे राजनीतिक हिस्सेदारी में मजबूत नहीं हो सकती। ऐसी शोषित महिलाओं के लिए इन आरक्षण का कोई मतलब नहीं रह जाता। वे आरक्षण का मतलब पूर्ण आजादी से मानती हैं। इस बीच पुष्पा महिलाओं को शिक्षित करने, अपने अधिकारों के लिए जागरूक रहने पर जोर देती हैं।

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