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सोनिया ने साधा मोदी सरकार पर निशाना, कहा- संविधान के आदर्शों पर मंडरा रहा है खतरा

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने असहिष्णुता के मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी सरकार को गुरुवार को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि संविधान के जिन आदर्शों ने हमें दशकों से प्रेरित किया, उस पर खतरा मंडरा रहा...

सोनिया ने साधा मोदी सरकार पर निशाना, कहा- संविधान के आदर्शों पर मंडरा रहा है खतरा
एजेंसीThu, 26 Nov 2015 08:41 PM
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने असहिष्णुता के मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी सरकार को गुरुवार को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि संविधान के जिन आदर्शों ने हमें दशकों से प्रेरित किया, उस पर खतरा मंडरा रहा है, उस पर हमले हो रहे हैं।

सोनिया ने राजग सरकार का नाम लिये बिना कहा, हमें पिछले कुछ महीनों में जो कुछ देखने को मिला है, वह पूरी तरह से उन भावनाओं के खिलाफ है जिन्हें संविधान में सुनिश्चित किया गया है।

उन्होंने कहा, संविधान के जिन आदर्शों ने हमें दशकों से प्रेरित किया, उस पर खतरा मंडरा रहा है, उस पर हमले हो रहे हैं।

डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जन्मशती के अवसर पर लोकसभा में भारत के संविधान के प्रति वचनबद्धता विषय पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सोनिया गांधी ने सत्ता पक्ष पर प्रहार करते हुए कहा, जिन लोगों को संविधान में कोई आस्था नहीं रही, न ही इसके निर्माण में जिनकी कोई भूमिका रही है, वो इसका नाम जप रहे है, अगुवा बन रहे हैं। संविधान के प्रति वचनबद्ध होने पर बहस कर रहे हैं। इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है। 

'संविधान उतना ही अच्छा, जितना लागू करने वाले'   
अपने हमले को धारदार बनाने के लिए डॉ. अंबेडकर को उद्धत करते हुए सोनिया ने कहा,  डॉ. अबेडकर ने चेताया था कि कोई भी संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो लेकिन अगर उसे लागू करने वाले बुरे हों, तो वह निश्चित रूप से बुरा ही साबित होगा और कितना भी बुरा संविधान क्यों न हो लेकिन उसे लागू करने वाले अच्छे हों, तो वह अच्छा साबित हो सकता है।
   
उन्होंने कहा, संविधान की आत्मा, भावना का महत्व उतना ही है जितना इसके शब्दों का।
संविधान के निर्माण और डॉ. अंबेडकर पर कांग्रेस पार्टी की दावेदारी पेश करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का ही कमाल था कि संविधान निर्माण से जुड़ी हर घटना निश्चित आकार में प्रस्तुत की जा सकी। इस लिहाज से इस पर कांग्रेस पार्टी का हक बनता है।

उन्होंने कहा कि यह बात आमतौर पर भुला दी जाती है कि डॉ. बी. आर. अंबेडकर की अनोखी प्रतिभा को पहचान कर ही कांग्रेस पार्टी उन्हें संविधान सभा में लाई। यह इतिहास है।
   
कांग्रेस अध्यक्ष ने गांधी, नेहरू को भी दिया श्रेय
सोनिया गांधी ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन में राजनीति शास्त्र का अध्ययन एवं उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भारत लौटने पर उन्होंने एक ही मकसद से अनुसूचित जाति, जनजाति और पक्षपात से पीड़ित समुदायों के लिए संघर्ष किया और उनके लिए राजनीतिक सत्ता में स्थान के लिए हमेशा प्रयास किया। 

उन्होंने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान के लिए डॉ. अंबेडकर के अलावा जवाहर लाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के योगदान की भी चर्चा की।

सोनिया ने कहा कि इस संबंध में महत्मा गांधी को नहीं भूला जा सकता, जिन्होंने 1931 में कांग्रेस के कराची अधिवेशन में मूलभूत अधिकारों, आर्थिक नीति, महिला अधिकारों के समावेश को महत्व दिया था।

उन्होंने कहा कि हमारा संविधान अद्भुत रूप से लचीला है जिसमें 100 से अधिक संशोधन हो चुके हैं जिनमें से अधिकांश उस समय, परिस्थिति और चुनौतियों के अनुरूप रहे।

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