योगी बनना चाहते थे पर नेता बन गए मोदी, जानिए कैसे
नरेंद्र मोदी वो शख्सियत हैं तो फर्श से अर्श पर पहुंचे लेकिन उनकी कामयाबी के पीछे कौन लोग रहे? वो कौन लोग हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं? आइए जानने की कोशिश करते...
नरेंद्र मोदी वो शख्सियत हैं तो फर्श से अर्श पर पहुंचे लेकिन उनकी कामयाबी के पीछे कौन लोग रहे? वो कौन लोग हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं? आइए जानने की कोशिश करते हैं।
वकील साहब
सबसे पहले उस शख्स की बात करते हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने ही नरेंद्र मोदी का परिचय संघ से कराया। वकील साहब के नाम से प्रसिद्ध लक्ष्मण राम इनामदार ने नरेंद्र में छुपे सेवाभाव को पहचाना और उन्हें संघ से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।
अपनी किताब 'सेतुबंध' में मोदी ने वकील साहब के बारे में लिखा है कि, लक्ष्मण राम इनामदार को शायद लोग ना जानते हों लेकिन गुजरात का कोई गांव ऐसा ना होगा जहां ये नाम ना पहुंचा हो। मोदी ने इस किताब में वकील साहब के जीवन के बारे में बताया है कि उनका जन्म महाराष्ट्र में हुआ था लेकिन उन्होंने जीवन का लंबा वक्त गुजरात में बिताया।
मोदी वकील साहब का काफी काम करते थे। झाडू लगाना और कपड़े धोना भी मोदी के कामों में शामिल था। मोदी को समाजसेवा के प्रति, संघ के प्रति वकील साहब ने ही प्रेरित किया।
स्वामी आत्माष्ठानंद
नरेंद्र मोदी के जीवन में एक क्षण वह भी आया जब उन्होंने सांसारिक जीवन का त्याग करने का फैसला कर लिया। वह सन्यासी बन जाना चाहते थे लेकिन एक शख्स था जिसने मोदी को सन्यास लेने से रोक दिया। बेल्लूर मठ के अध्यक्ष स्वामी आत्माष्ठानंद। जीवन के 16वें साल में नरेंद्र मोदी सन्यासी हो जाना चाहते थे, खुद मोदी बताते हैं कि वे हिमालय चले गए थे।
बेल्लूर मठ की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने की थी और विवेकानंद से मोदी बहुत प्रभावित थे इसीलिए वह यहां पहुंचे और सन्यास लेना चाहा लेकिन आत्माष्ठानंद ने उन्हें ऐसा करने से रोका और कहा कि तुम्हें कुछ और काम करना है, वापिस जाओ।
बाद में बेल्लूर मठ की ओर से स्मामी जी को राजकोट भेज दिया गया था जहां पर नरेंद्र अक्सर जाया करते थे। बताते हैं कि जब मोदी ने पीएम पद की शपथ ली तो उनके जैकेट में जो फूल लगा था वह मठ से प्रसाद के रूप में आया था।
दयानंद गिरी
अभी हाल ही में पीएम मोदी अपने गुरु से मिलने के लिए ऋषिकेश गए थे। माना जाता है कि स्वामी दयानंद सरस्वती का मोदी के जीवन पर गहरा प्रभाव है। स्वामी दयानंद गिरि शंकर परंपरा के वेदांत और संस्कृत के शिक्षक रहे हैं।
मोदी अपने गुरु को काफी मानते हैं और गुरु भी अपने इस शिष्य को बहुत दुलार करते हैं। सीएम रहते हुए मोदी ने जब गुरु को गुजरात बुलाया था तो गुरु भी इंकार नहीं कर पाए थे। माना जाता है कि हिमालय यात्रा के तुरंत बाद मोदी की मुलाकात दयानंद गिरि से हुई थी।
उन्होंने मोदी के मन से वैराग्य दूर करने का प्रयास किया और फिर उन्हें वेदांत से परिचित कराया। मोदी हमेशा मानते हैं कि वेदांत का उनके जीवन पर काफी प्रभाव रहा है।
मुरली मनोहर जोशी
वरिष्ठ पत्रकार राकेश आर्या बताते हैं कि भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी का भी नरेंद्र मोदी बहुत सम्मान करते हैं। साल 1991 में श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए जो यात्रा निकाली गई मोदी ने उसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था और इस बात से जोशी काफी प्रभावित थे।
उन्होंने बताया कि इस यात्रा की पूरी जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी को दी गई थी। जालंधर के पास इस यात्रा पर आतंकी हमला हुआ जिसमें 4 यात्री शहीद भी हो गए। लेकिन यात्रा को पूरा किया गया और तिरंगे को लालचौक पर फहराया गया। इसी यात्रा के बाद मोदी को गुजरात भेजा गया था।
लालकृष्ण आडवाणी
वरिष्ठ पत्रकार राकेश आर्या ने बताया कि नरेंद्र मोदी की राजनीतिक विचारधारा काफी हद तक लालकृष्ण आडवाणी से मिलती है। आडवाणी ने 1990 में रथयात्रा निकाली, सोमनाथ से शुरु हुई इस यात्रा को सफल बनाने की जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी को दी गई। इस यात्रा के कुशल प्रबंधन से आडवाणी काफी खुश थे।
2002 के दंगों के बाद जब अटल बिहारी वाजपेई, नरेंद्र मोदी का इस्तीफा चाहते थे तो आडवाणी ही थे जो मोदी के पक्ष में डट कर खड़े थे। आर्या कहते हैं कि यदि उस वक्त मोदी का इस्तीफा ले लिया गया होता तो शायद उनके राजनीतिक करियर का ग्राफ इतना ऊपर नहीं जा पाता लेकिन आडवाणी ने साफ कह दिया था कि इस मामले में मोदी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
कई लोग हैं पीएम के प्रेरणास्रोत
नरेंद्र मोदी पर किताब लिखने वाले हरीश बर्णवाल बताते हैं कि स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, सरदार पटेल जैसे लोगों का भी मोदी की विचारधारा पर बहुत प्रभाव पड़ा। हरीश के मुताबिक, मैं जब मोदी पर किताब लिख रहा था तो मुझे महसूस हुआ कि ही इज ए ट्रू लर्नर, वो जीवन में सीखने की चाह रखते हैं और हर शख्स और हर चीज से अच्छी बातें सीखते हैं।