धर्म और राजनीति का घालमेल करने की जिम्मेदार हैं सीतलवाड़: HRD पैनल
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक पैनल ने दावा किया है कि तीस्ता सीतलवाड़ और उनके सबरंग ट्रस्ट ने उसे लगभग 1.4 करोड़ रूपए का अनुदान देने वाली संप्रग सरकार के लिए पाठयक्रम की सामग्री बनाने के दौरान धर्म...
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक पैनल ने दावा किया है कि तीस्ता सीतलवाड़ और उनके सबरंग ट्रस्ट ने उसे लगभग 1.4 करोड़ रूपए का अनुदान देने वाली संप्रग सरकार के लिए पाठयक्रम की सामग्री बनाने के दौरान धर्म और राजनीति का घालमेल करने और दुर्भावना फैलाने की कोशिश की।
समिति के निष्कर्षों को एक शीर्ष कानूनी अधिकारी का समर्थन प्राप्त है। समिति ने पाया कि प्रथम दष्टया सीतलवाड़ के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 153बी के तहत धर्म आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का और राष्ट्रीय अखंडता को लेकर पूर्वाग्रहों से ग्रसित आरोप लगाने एवं दावे करने का मामला बनता है।
बताया जा रहा है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय को कानूनी अधिकारी की ओर से मिली राय में कहा गया है, जांच समिति की रिपोर्ट व्यापक है और यह मामले के हर पहलू को देखती है और रिपोर्ट में कहा गया कदम उल्लंघनों की जिम्मेदारियां तय करने, दुर्भावना और घणा फैलाने के खिलाफ कार्रवाई करने और योजना में लगाए गए धन की पुन: प्राप्ति के लिए उठाया जा सकता है।
अधिकारी ने यह राय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय पैनल की रिपोर्ट का पूरा अध्ययन करने के बाद दी। इस पैनल ने सीतलवाड़ को शिक्षा की राष्ट्रीय नीति योजना के तहत अपनी परियोजना खोज के लिए मिले कोष के वितरण और उपयोग की जांच की।
मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यों वाली इस समिति में उच्चतम न्यायालय के वकील अभिजीत भटटाचार्य, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति एस के बारी और मंत्रालय के एक अधिकारी गया प्रसाद थे। इस समिति का गठन सीतलवाड़ के करीबी सहयोगी रहे रईस खान पठान के आरोपों की जांच के लिए किया गया था।
पठान ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि सबरंग ट्रस्ट के प्रकाशन देश के अल्पसंख्यकों में असंतोष फैलाते हैं और भारत को गलत तरीके से पेश करते हैं और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। ये निष्कर्ष इस लिहाज से महत्वपूर्ण हैं कि सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ दो दशक पुराने एक फैसले पर पुनर्विचार कर रही है, जिसमें कहा गया था कि हिंदुत्व एक जीवन शैली है और सीतलवाड़ ने इसमें हस्तक्षेप करने की अनुमति मांगी है।
रिपोर्ट में कहा गया कि सबरंग ट्रस्ट के किसी भी दस्तावेज में शिक्षा कभी एजेंडा नहीं रहा। सीतलवाड़ और उनका ट्रस्ट छोटे बच्चों की कक्षा में धर्म का राजनीति के साथ घालमेल करने की कोशिश करता दिखाई देता है। ये वे बच्चे हैं, जो ज्यादा संपन्न पष्ठभूमि से नहीं आते।