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भारतीय साल भर में 36 लाख टन बिस्कुट खा गए

सुबह के नाश्ते में चाय-बिस्कुट, 11-12 बजे की हल्की भूख और शाम की चाय के साथ बिस्कुट अपनी जगह आसानी से बना लेता है। सिंगल रहने वालों के लिए बिस्कुट एक आपात भोजन है ही जिसे रात बेरात खाकर भूख मिटाई जा...

भारतीय साल भर में 36 लाख टन बिस्कुट खा गए
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 26 Feb 2017 08:39 PM
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सुबह के नाश्ते में चाय-बिस्कुट, 11-12 बजे की हल्की भूख और शाम की चाय के साथ बिस्कुट अपनी जगह आसानी से बना लेता है। सिंगल रहने वालों के लिए बिस्कुट एक आपात भोजन है ही जिसे रात बेरात खाकर भूख मिटाई जा सकती है। बिस्कुट मैन्युफैक्चरर्स वेलफेयर एसोसिएशन के मुताबिक भारतीयों ने बीते साल लगभग 36 लाख टन बिस्कुट खाया है। आसानी से मिलने वाले, कम कीमत और बहुत अधिक नुकसान न होना इसे हर किसी का प्रसंदीदा बना देता है। एक अनुमान के अनुसार देश में बिस्कुट की 37500 करोड़ रुपये की सालाना बिक्री होती है।

कहां कितनी खपत
1.90 लाख टन- महाराष्ट्र
1.78 लाख टन- उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड 
1.11 लाख टन- तमिलनाडु
1.02 लाख टन- पश्चिम बंगाल
93 हजार टन- कर्नाटक
80 हजार टन- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़
72 हजार टन- गुजरात
62.5 हजार टन- बिहार और झारखंड
62 हजार टन- राजस्थान 
52.5 हजार टन- आंध्र प्रदेश

ग्लुकोज से कई वैरायटी तक का सफर
आजादी से पहले देश में ग्लूकोज बिस्कुट ही अधिक लोकप्रिय था। स्वाद के साथ साथ यह स्वास्थ्य कारणों से भी इसे नाश्ते में शामिल किया जाता था। बाद में बिस्कुट दाल रोटी का भी विकल्प बन गया। एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेश दोषी कहते हैं कि बिस्कुट की आज तमाम वैरायटी बाजार में हैं। ग्लूकोज से इन वैरायटी तक का सफर बिस्कुट के प्रति लोगों के प्यार को साबित करता है।

जीएसटी बिस्कुट प्रेमियों का संकट बढ़ाएगा
जीएसटी लागू होने से बिस्कुट प्रेमियों का संकट बढ़ने का आसार है। सरकार ने 100 रुपये कीमत वाले बिस्कुट को जीएसटी के दायरे में शामिल करती है तो सरकार को मिलने वाले कर राजस्व में तो बढ़ोतरी नहीं होगी, लेकिन यह निम्न वर्ग की पहुंच से दूर हो जाएगा। एसोसिएशन के महामंत्री राजेश जैन ने एक से 100 रुपये कीमत तक के बिस्कुट को जीएसटी से बाहर रखने की मांग की है। देश में 715 बिस्कुट उत्पादक इकाइयां है। इनमें से 240 इकाइयां केवल 100 रुपये की कीमत तक के बिस्कुट बनाती हैं। ये इकाइयां मात्र तीन से चार फीसदी मुनाफे पर काम कर रही हैं। जीएसटी के दायरे में रखने से इन पर संकट गहरा सकता है।

दक्षिण में ग्लूकोज बिस्कुट की खपत अधिक
एसोसिएशन अध्यक्ष के अनुसार दक्षिणी राज्यों में सौ रुपये तक कीमत के बिस्कुट लोकप्रिय है, जिनमें ग्लूकोज बिस्कुट अधिक पसंद  किये जाते हैं। वहां के लोग बिस्कुट का सेवन खाने के रूप में भी करते है। दिनभर काम के दौरान बिस्कुट के सहारे ही अपना पेट भर लेते है।

संगठित क्षेत्र में अधिक खपत
36 लाख टन कुल बिस्कुट खपत में अकेली 25 लाख 50 हजार टन बिस्कुट संगठित क्षेत्र में जाता है। बाकी 10 लाख 50 हजार टन असंगठित क्षेत्र में खाया जाता है।

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