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FACT: जयललिता को पड़ा हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट, जानें असलियत

अम्मा का नहीं हुआ दिल का दौरा तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की सेहत को लेकर वैसे तो पिछले कई महीनों से आ रही थी लेकिन 04 दिसंबर की देर शाम एजेंसी पर अपोलो हॉस्पिटल के हवाले से खबर आई कि उन्

लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 05 Dec 2016 06:53 PM

अम्मा का नहीं हुआ दिल का दौरा

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की सेहत को लेकर वैसे तो पिछले कई महीनों से आ रही थी लेकिन 04 दिसंबर की देर शाम एजेंसी पर अपोलो हॉस्पिटल के हवाले से खबर आई कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ है और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। अब इसी के बाद हर तरफ खबर और फ्लैश आने लगा जयललिता को दिल का दौरा। पर हकीकत ये नहीं था, दरअसल उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ था यानी दिल ने काम करना बंद कर दिया था। 

आइए समझते हैं दोनों में फर्क क्या है

Heart Attack: दिल का दौरा पड़ना और दिल का काम करना बंद कर देना दोनों सुनने में भले ही एक लगे लेकिन मेडिकल साइंस में दोनों के मायने अलग हैं। दरअसल हृदय एक मांसपेशी है। दूसरे मांसपेशी की तरह इसे भी ऑक्सीजन और खून के संचार की आवश्यकता होती है। ये धमनियों के माध्यम से होता है। जब ये धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं यानी धमनियों में खून का धक्का जम जाता है तो हार्ट अटैक आता है। अगर समय पर उपचार शुरू नहीं हो पाता तो ये मांसपेशी मृत हो जाती हैं और इंसान की मौत हो जाती है।

cardiac arrest: कार्डियक अरेस्ट दिल के दौरे से बिल्कुल अलग है। इसमें हृदय सिर्फ धड़कना बंद कर देता है। हार्ट अटैक में दिल इंसान का धड़कता रहता है भले ही उसे धमनियों से खून का संचार नहीं मिल रहा होता है। हृदय की धड़कन बंद होने के बाद मरीज को बाहरी कृत्रिम यंत्रों से दिल को फिर धड़कने के लिए प्रयास किये जाते हैं। 

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ये है दोनों ही परस्थितियों के लक्षण 

हार्ट अटैक में ये होता हैः 
मरीज को सीने के बीच जकड़न और तेज दर्द का एहसास होता है। यह कई मिनट तक रहता है, आराम करने से भी दर्द में राहत नहीं मिलता। ये लक्षण ज्यादातर मरीजों में होता है लेकिन कई मरीजों को दर्द का पता भी नहीं चलता। दर्द का संचार धीरे धीरे शरीर के अन्य अंगों जैसे बांहों, जबड़ों, गर्दन रीढ़ और कमर तक पहुंच जाता है।
सांस लेने में तकलीफ होती है और धीरे धीरे सांस टूटती भी जाती है
शरीर में तेज पसीना भी चलने लगता है, कमजोरी, गुस्सा, सर्दी का एहसास आदि अन्य लक्षण भी आने लगते हैं।

कार्डियक एरेस्ट में ये होता हैः
इस परिस्थिति में मरीज अपनी चेतना अचानक खो बैठता है। वह कोई प्रतिक्रिया भी शारीरिक रूप से नहीं देता है। उसकी सांस भी अचानक रुक जाती है। नब्ज ठहर जाती है। दरअसल कार्डियक अरेस्ट में दिल धड़कना बंद कर देता है इसलिए नाड़ी गिरने लगती है। धीरे धीरे शरीर के तमाम अंगों तक खून पहुंचना बंद हो जाता है और इससे मरीज की मौत हो जाती है।

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कार्डियक अरेस्ट से पहले मरीज को ये आभास होने लगता है

  • सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी, चक्कर आना, घबराहट सा महसूस होने लगता है।
  • हार्ट अटैक की वजह से भी आ सकता है कार्डियक अरेस्ट
  • ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के मुताबिक, दिल का दौरा पड़ने से भी कार्डियक अरेस्ट आ सकता है। बल्कि ब्रिटेन और पूरे यूके में ज्यादातर कार्डियक अरेस्ट के मामलों में कारण हार्ट अटैक ही था।