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Hindi Newsरुचिका गिरहोत्रा केसः पूर्व DGP SPS राठौड़ की सजा बरकरार, लेकिन नहीं जाना होगा जेल

रुचिका गिरहोत्रा केसः पूर्व DGP SPS राठौड़ की सजा बरकरार, लेकिन नहीं जाना होगा जेल

सुप्रीम कोर्ट ने नवोदित टेनिस खिलाड़ी रुचिका गिरहोत्रा आत्महत्या मामले में हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपीएस राठौड़ को आज दोषी करार दिया, लेकिन उनकी सजा कम कर दी। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की...

रुचिका गिरहोत्रा केसः पूर्व DGP SPS राठौड़ की सजा बरकरार, लेकिन नहीं जाना होगा जेल
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 23 Sep 2016 01:39 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने नवोदित टेनिस खिलाड़ी रुचिका गिरहोत्रा आत्महत्या मामले में हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपीएस राठौड़ को आज दोषी करार दिया, लेकिन उनकी सजा कम कर दी।

न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी की अपील पर फैसला सुनाते हुए इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराये जाने के फैसले को बरकरार रखा।

हालांकि न्यायालय ने उच्च न्यायालय द्वारा राठौड़ को दी गई डेढ़ साल की सजा कम करके अब तक जेल में काटी सजा के साथ समायोजित कर दिया। राठौड़ ने पांच माह जेल में बिताये थे।

सीबीआई की विशेष अदालत ने राठौड़ को दोषी करार देते हुए छह माह की जेल की सजा सुनायी थी। उच्च न्यायालय ने अपराधी घोषित करने के निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए सजा की अवधि छह माह से डेढ़ साल कर दी थी, जिसे राठौड़ ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। 

गौरतलब है कि 11 नवम्बर 2010 को न्यायमूर्ति पी सदाशिवम (अब सेवानिवृत्त) की पीठ ने राठौड़ की अपील के निपटारे तक उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। चौदह वर्षीय रुचिका ने 20 अगस्त 1990 को राठौड़ के खिलाफ उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। राठौड़ हरियाणा लॉन टेनिस एसोसिएशन का अध्यक्ष भी था। मामला दर्ज कराने के कारण उसे अनुशासनहीनता के आरोप में स्कूल से भी निकाल दिया गया था। तीन साल बाद दिसम्बर 1993 में उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। 

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