सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा चाक चौबंद की गई
उरी हमले के बाद रक्षा मंत्रालय ने सभी छोटे-बड़े सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर नए सिरे से अलर्ट जारी किया है। मंत्रालय ने थल, नौसेना और वायुसेना के सभी प्रतिष्ठानों को सुरक्षा चुस्त दुरुस्त...
उरी हमले के बाद रक्षा मंत्रालय ने सभी छोटे-बड़े सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर नए सिरे से अलर्ट जारी किया है। मंत्रालय ने थल, नौसेना और वायुसेना के सभी प्रतिष्ठानों को सुरक्षा चुस्त दुरुस्त करने का निर्देश दिया है।
रक्षा मंत्रालय से जुडे़ सूत्रों के अनुसार, खुफिया सूचनाओं में फिदायीन हमलों की आशंका जाहिर की गई है। उरी जैसे हमले और भी हो सकते हैं। खासतौर पर आतंकियों के निशाने पर सैन्य प्रतिष्ठान हैं, इसलिए एहतियात बरतने को कहा गया है ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, पठानकोट हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी। रक्षा प्रतिष्ठानों का सुरक्षा ऑडिट भी हुआ था। लेकिन उरी की घटना को रक्षा मंत्रालय सुरक्षा चूक के रूप में भी देख रहा है। सूत्रों का मानना है कि आतंकियों के जवानों के शिविर तक पहुंचने में कहीं न कहीं सुरक्षा चूक हुई है क्योंकि नियंत्रण रेखा से यह स्थान करीब छह किमी दूर है। जबकि यदि पहाड़ी रास्ते से भी घुसपैठ हुई होगी तो भी तीन किलोमीटर की दूरी तय करके आतंकी शिविर तक पहुंचे।
सूत्रों के अनुसार कश्मीर में सभी छोटे बड़े शिविरों में भी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने को कहा गया है। दरअसल, उरी के जिस शिविर पर हमला हुआ है, वह बटालियन से जुड़ा शिविर ही है। जो मूलत: प्रशासनिक कार्यालय का कार्य करता है। आमतौर पर वहां जवान भी कम होते हैं लेकिन जब उरी में हमला हुआ तब यूनिटों में ड्यूटी की अदला-बदली हो रही थी। इसलिए उपस्थिति ज्यादा थी।