चीन को चुनौती: भारत अरुणाचल के तवांग क्षेत्र तक रेल पहुंचाएगा
रणनीतिक हितों को बढ़ावा देते हुए केंद्र सरकार अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर स्थित तवांग जिले को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी कर रही है। मालूम हो कि चीन तवांग क्षेत्र पर अधिकार जताता रहा है,...
रणनीतिक हितों को बढ़ावा देते हुए केंद्र सरकार अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर स्थित तवांग जिले को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी कर रही है। मालूम हो कि चीन तवांग क्षेत्र पर अधिकार जताता रहा है, जबकि भारत का कहना है कि यह उसका अभिन्न हिस्सा है।
केंद्र ने रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और अरुणाचल पश्चिम सीट से सांसद किरन रिजिजू को इस सुदूर क्षेत्र में रेल नेटवर्क की व्यवहारिकता खंगालने को कहा है। दोनों ही मंत्री तवांग को भालुकपोंग से जोड़ने की व्यवहारिकता का अध्ययन करने के लिए शनिवार को अरुणाचल जाएंगे। भालुकपोंग असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा पर भारतीय रेलवे का अंतिम स्टेशन है।
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सिन्हा और रिजिजू भालुकपोंग और तवांग के बीच नई ब्रोड ग्रेज लाइन पर अंतिम सर्वेक्षण शुरू करने के लिए एक अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश जायेंगे। दोनों स्थानों के बीच 378 किलोमीटर की दूरी है। असम के गुवाहाटी से तवांग तक रास्ते से जाने में 18 घंटे लगते हैं। गुवाहाटी सबसे निकटतम बड़ा शहर है तथा तवांग के नागरिकों को मेडिकल आपात स्थिति के लिए गुवाहाटी पर आश्रित रहते हैं।
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गौरतलब है कि चीन ने हाल ही में तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के आगामी अरुणाचल दौरे का भी विरोध किया था। उसने भारत को आगाह किया था कि इससे सीमा पर शांति के माहौल को धक्का पहुंचेगा। हालांकि भारत ने उसे स्पष्ट कर दिया था कि यह दलाईलामा की पहली अरुणाचल यात्रा नहीं है और इसके राजनीतिक मायने न निकाले जाएं।