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प्रज्ञा योग से करें रोग दूर

पूरे विश्व में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जा रहा है। योग विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत की सदियों पुरानी यह विरासत आध्यात्मिक के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। आज...

प्रज्ञा योग से करें रोग दूर
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 17 Jun 2015 06:55 PM
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पूरे विश्व में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जा रहा है। योग विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत की सदियों पुरानी यह विरासत आध्यात्मिक के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। आज हम आपको प्रज्ञा योग के बारे में बता रहे हैं, जिसमें 16 आसन हैं। इनका अभ्यास स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है।

1. ताड़ासन
विधि : सीधे खड़े हों, श्वांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और पैरों की अंगुलियों पर खड़े हों।
लाभ
0 दिल के रोगों में लाभकारी है
0 कब्ज दूर करता है

2. पाद हस्तासन :
विधि : श्वांस को छोड़ते हुए नीचे की ओर झुकें, दोनों हाथों से जमीन को छुएं। पैर सीधे रखें और कोशिश करें कि सिर घुटनों को छुए।
लाभ
0 गैस में लाभदायक है
0 कमर के मोटापे को कम करता है
0 रीढम् की हड्डी को मजबूत करता है

3 वज्रासन :
विधि : दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर वज्रासन में बैठें
लाभ :
0 पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है
0 तनाव को कम करता है
4 उष्ट्रासन
विधि :  घुटनों के बल बैठें, श्वांस लेते हुए कमर से पीछे की ओर मुडें और दोनों हाथों से पैरों को छुएं।

लाभ
0 हार्निया में यह आसान लाभदायक है
0 अस्थमा, कमर दर्द में लाभ होता है

5 योग मुद्रासन

विधि : श्वांस छोड़ते हुए वज्रासन में आएं, आगे की ओर झुकें और दोनों हाथों को पीछे ले जाकर योग मुद्रा बनाएं। कोशिश करें कि सिर जमीन को छुए।

लाभ
0 पैंक्रियाज को मजबूत करता है
0 मधुमेह और रक्तचाप में लाभदायक है

6 अर्धताड़ासन

लाभ : श्वांस लेते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाएं और वज्रासन में बैठते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर खींचे।

लाभ
0 दिल को मजबूत करता है
0 कमर दर्द में लाभकारी है

7 शशांकासन

विधि : श्वांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके। अपने सिर से जमीन को छुएं। दोनों हाथ सिर के आगे रखें।

लाभ
0 पाचन संबंधी रोगों में लाभदायक है

8 भुजंगासन

विधि : पैरों को पीछे की ओर खोल दें, दोनों हाथ कमर के बगल में रखें। श्वांस लेते हुए ऊपर की ओर उठें। आसमान की ओर देखें, कुछ देर इसी स्थिति में रहें।

लाभ
0 दिल और रीढम् की हड्डी को मजबूत करता है
0 कमर दर्द में बेहद लाभदायक है

9-10 : तिर्यक भुजंगासन

विधि : इस आसन को दो बार करना है। श्वांस छोड़ते हुए पहले बाईं ओर मुड़ें और श्वांस लेते हुए वापस आएं। अब दाईं ओर से यही प्रक्रिया करें।

लाभ :
0 महिलाओं के लिए काफी लाभकारी है
0 स्लीप डिस्क, किडनी में लाभदायक है

11-12: शशांकासन- अर्धताड़ासन

विधि : इस क्रम में वापस शशांकासन में जाएं। इसके बाद अर्धताड़ासन करें।

13-15: उष्ट्रासन से ताड़ासन

विधि : इस बार उष्ट्रासन करते वक्त दोनों पैरों के पंजों पर बैठें। इसके बाद पाद हस्तासन फिर ताड़ासन करें।

16. ओम चेंटिंग

विधि : श्वांस छोड़ते हुए ओम का उच्चारण करते हुए दोनों हाथों की मुट्ठी बंद करें और ताकत लगाते हुए हाथों को नीचे की ओर लाएं।

कोट :
प्रज्ञा योग हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी है। यह मांसपेशियों और आंतरिक अंगों को मजबूत करता है। साथ ही पिटय़ूटरी ग्लैंड को कंट्रोल करता है। इससे मानसिक शक्ति बढ़ती है।

(दीपक झा, योग एक्सपर्ट और डॉयरेक्टर, रियल पावर योग, नई दिल्ली)

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